जटिल हुई देश की रक्षा चुनौती

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग को बताया आवश्यक
नई दिल्ली। केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग की आवश्यकता पर जोर देकर गुरुवार को कहा कि दुनिया में बदलते भूराजनीतिक हालात की वजह से भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां बढ़कर जटिल हो गई हैं। रक्षामंत्री ने ये बातें उस समय पर कही हैं जब अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत सहित कई देशों में चिंताएं जाहिर की जा रही हैं। तालिबान का जिक्र किए बिना रक्षा मंत्री ने कहा,आज पूरी दुनिया में सुरक्षा के हालात तेजी से बदल रहे हैं। इस वजह से, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां बढ़कर जटिल हो रही हैं। वैश्विक भूराजनीतिक हालात में लगातार बदलाव आते रहते हैं।रक्षामंत्री ने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों में तेजी से बदलाव को ध्यान में रखते हुए भारत को मजूबत, सक्षम और आत्मनिर्भर रक्षा उद्योग पर फोकस करना होगा ताकि सश बलों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
रक्षा उद्योग भी विकसित करना होगा
उन्होंने कहा यह आवश्यक है कि हम ना केवल मजबूत, आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित बल तैयार करें, बल्कि अपना रक्षा उद्योग भी विकसित करना होगा, जो मजबूत, सक्षम और सबसे बढ़कर पूरी तरह आत्मनिर्भर हो।रक्षामंत्री ने सेक्टर में निजी क्षेत्र को भी निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा जब-जब टेक्नॉलजी की बात होती है, मेरे मन में अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत देश आते हैं। मुझे बतलाया गया है कि ये उन्नत देश अपनी टेक्नॉलाजी के दम पर आगे बढे हैं। मैं सरकार की ओर से सभी संभव सहयोग का आश्वासन देकर निजी क्षेत्र का आह्वान करता हूं कि आप लोग आगे आएं, और एक सशक्त और आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र के निमार्ण में अपना योगदान दें।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो दुनिया:जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए दुनिया को चेताया है कि वह आतंकवाद रूपी बुराई से कभी समझौता न करे। भारत में हुए तमाम हमलों व अमेरिका में हुए ९/११ का खासतौर से जिक्र करते हुए कहा कि हमने ज्यादा चुनौतियां व मौतों को सहा है। हमने आतंकवाद से कभी समझौता नहीं किया। आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि हमने २००८ में मुंबई हमले, २०१६ में पठानकोट एयरबेस पर हमले, और २०१९ में पुलवामा में सुरक्षा बलों पर आत्मघाती हमले का सामना किया है। आतंकवाद से अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को खतरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दो दिन बाद विश्व दुनिया चौथा आतंकवाद विरोधी दिवस मनाएगी और इसके चलते मारे गए लोगों को याद करेगी। अगले माह न्यूयॉर्क में हुए ९/११ आतंकी हमले की २० वीं बरसी है।

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