10 साल तक जारी रह सकता है यह सिलसिला
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड लागत में कमी लाने के लिए छंटनी की योजना बना रही है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। कोल इंडिया ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि कंपनी की लागत में कमी लाने के लिए हर साल 5 फीसदी कर्मचारियों की संख्या कम की जाएगी। यह प्रक्रिया 5 से 10 साल तक जारी रहेगी।वर्तमान में खनन कंपनी कोल इंडिया में 2,72,445 कर्मचारी कार्यरत हैं। सरकार के स्वामित्व वाली कोल इंडिया लिमिटेड ने सोमवार को वित्त वर्ष 2020-21 की मार्च तिमाही के नतीजों का एलान किया। इस दौरान कंपनी का कंसॉलिडेटेड प्रॉफिट 1.1 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 4,586.78 करोड़ रुपये रहा। लाभ में कमी का कारण कम बिक्री रही। मार्च तिमाही के नतीजों के एक दिन बाद कंपनी कर्मचारियों की छंटनी करने के बारे में जानकारी दी है।
कई खदानों को बंद करेगी कंपनी
कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वह कई खदानों को भी बंद करेगी। इनमें से 158 भूमिगत खदानें हैं, जो 43 फीसदी कर्मचारियों को रोजगार देती हैं, जबकि कुल उत्पादन में इनका योगदान 5 फीसदी का ही है। कंपनी ने कहा कि कोल इंडिया की उन खदानों को जिनसे लाभ नहीं हो रहा है, उनको चरणबद्ध तरीके से बंद करने की प्रक्रिया जारी है। ऐसी 11 भूमिगत खदानों से उत्पादन पहले ही बंद किया जा चुका है।
जानें कंपनी को हुआ कितना नुकसान
बता दें कि कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को दी गई सूचना में बताया कि जनवरी-मार्च 2020-21 की तिमाही में उसकी एकीकृत बिक्री वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही के 25,597.43 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 24,510.80 करोड़ रुपये रही। हालांकि, जनवरी-मार्च 2020-21 तिमाही में कंपनी का व्यय 2019-20 की इसी तिमाही के 22,373.046 करोड़ रुपए के मुकाबले घटकर 21,565.15 करोड़ रुपये रहा।कोल इंडिया ने बताया कि उसके बोर्ड ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रति शेयर 10 रुपये के अंकित मूल्य पर 3.50 रुपये प्रति शेयर का अतिरिक्त डिविडेंड देने की सिफारिश की है। कंपनी की आगामी वार्षिक आम सभा में सदस्य इसका अनुमोदन करेंगे। कंपनी ने अनुमान से ज्यादा अतिरिक्त डिविडेंड देने की सिफारिश की है। सोमवार को कोल इंडिया के शेयर का भाव 2.1 फीसदी गिरकर 159.20 रुपये रहा।