चुनावी भीड़ पर खफा कोर्ट

कमलनाथ, नरेन्द्र सिंह तोमर पर केस दर्ज करने का दिया आदेश
भोपाल/नई दिल्ली। चुनावी रैलियों में मास्क-सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे नियमों की अनदेखी और भीड़ पर अदालत और चुनाव आयोग, दोनों ने सख्ती दिखाई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बेलगाम रैलियों के मद्देनजर कांग्रेस नेता कमलनाथ और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ एफआईर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने ऐसी रैलियों पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा- संविधान ने उम्मीदवार और मतदाता दोनों को अधिकार दिए हैं। उम्मीदवार को चुनाव प्रचार का अधिकार है, तो लोगों को जीने और स्वस्थ रहने का हक है। उम्मीदवार के अधिकार से बड़ा लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार है।
उम्मीदवार से बड़ा जनता का अधिकार
मध्यप्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने दतिया के भांडेर में कमलनाथ और ग्वालियर में नरेंद्र तोमर की रैली को अपने आदेश का आधार बनाया। इन रैलियों में कोरोना-१९ की गाइडलाइन के उल्लंघन को लेकर एडवोकेट आशीष प्रताप सिंह ने याचिका दाखिल की थी। ग्वालियर और दतिया कलेक्टर से दो दिन में रिपोर्ट भी मांगी है। जस्टिस शील नागू और जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने आदेश में कहा- राजनीतिक दलों की वर्चुअल मीटिंग अगर नहीं हो पा रही है तो ही सभा और रैलियां हो सकेंगी। इसके लिए चुनाव आयोग की इजाजत लेनी होगी। संविधान ने उम्मीदवार और मतदाता दोनों को अधिकार दिए हैं। उम्मीदवार को चुनाव प्रचार का अधिकार है तो लोगों को जीने के साथ-साथ स्वस्थ रहने का अधिकार है। उम्मीदवार के अधिकार से बड़ा लोगों के स्वस्थ रहने का अधिकार है।
नही हो रहा दूरी का पालन
मौजूदा हालात में राजनेताओं को लोगों के लिए उदारता दिखानी चाहिए थी, लेकिन उनके व्यवहार से ऐसा नजर नहीं आ रहा। सभाओं में सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन नहीं हो रहा है। पार्टियों को रैली और सभाओं के लिए इजाजत लेनी होगी। ये भी बताना होगा कि वर्चुअल सभा क्यों नहीं हो सकती है। कलेक्टर अगर जवाब से संतुष्ट होते हैं तो ऑर्डर पास करेंगे और मामला चुनाव आयोग को भेजा जाएगा। आयोग की मंजूरी के बाद ही सभाएं हो सकेंगी।
सभी पार्टियों को एडवायजरी
ऐसी रैलियों पर इलेक्शन कमीशन भी नाराज है। इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि रैलियों में मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग जैसे नियमों का पालन ना किए जाने का मसला हमने गंभीरता से लिया है। ये हमारी गाइडलाइन का उल्लंघन है। ऐसा करने वालों पर एक्शन लिया जाए। इलेक्शन कमीशन ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को एडवायजरी जारी की है। यह पाॢटयों के अध्यक्ष और महासचिवों को भेजी गई है। इसमें कहा गया है कि रैलियों के दौरान उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों और आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव अधिकारी और प्रशासन कदम उठाएं। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान सतर्कता और सावधानी बरती जाए। रैलियों के दौरान भीड़ को नियंत्रित किया जाए।
कमलनाथ को नोटिस
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा की महिला प्रत्याशी पर विवादित टिप्पणी के चलते परेशानी में पड़ गए। चुनाव आयोग ने कमलनाथ को नोटिस भेजकर ४८ घंटे के भीतर जवाब देने को कहा है। कमलनाथ ने भाजपा नेता व राज्य में मंत्री इमरती देवी को एक चुनावी सभा में आइटम कहा था। भाजपा ने इस तरह की भाषा की काफी आलोचना की थी और कमलनाथ पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

 

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