चीन्ह-चीन्ह रेवड़ी बांट रहा प्रबंधन

चीन्ह-चीन्ह रेवड़ी बांट रहा प्रबंधन
एसईसीएल की जमीन पर अतिक्रमण: गरीबों पर कार्यवाही, रसूखदारों को छूट
बांधवभूमि, हुकुम सिंह
नौरोजाबाद। एसईसीएल द्वारा की जा रही अतिक्रमण हटाने की कवायद इन दिनो एक बार फिर चर्चाओं मे है। बताया जाता है कि एक तरफ जहां रसूखदारों द्वारा जगह-जगह पर कम्पनी की जमीन हड़प कर अवैध निर्माण कार्य किये जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इसकी अनदेखी कर अधिकारी कागजों मे अतिक्रमण हटाने की ताल ठोंकने का ढोग कर रहे हैं। आलम यह है कि शहर की सैकड़ों एकड़ भूमि धन्नासेठों द्वारा हथिया ली गई है। जिन पर हांथ डालने की जुर्रत किसी की नहीं है। जबकि पान की गुमटी और चाय के ठेले लगा कर अपना जीवन-यापन करने वाले गरीबों को आये दिन नोटिस थमाई जा रही है।
पानी-बिजली भी कम्पनी का
सूत्रों का कहना है कि कम्पनी की जमीनो के अलावा कई कर्मचारी क्वार्टरों पर भी दबंगों का कब्जा हो चला है। इतना ही नहीं अनेक लोगों ने एसईसीएल की जमीन पर घर और दुकान तो बनाये ही हैं, उनमे बिजली और पानी भी कम्पनी का ही पहुंच रहा है। मजे की बात यह है कि इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी होने के बावजूद अफसर उन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
सुरक्षाकर्मी करते हैं अवैध वसूली
जानकारों का दावा है कि कम्पनी की जमीन पर अतिक्रमण कराने से लेकर अनाधिकृत कब्जा धारियों को संरक्षण देने मे एसईसीएल के अधिकारों का पूरा योगदान है। कुछ सुरक्षाकर्मी तो खुलेआम इसकी दुकान ही खोले बैठे हैं, जो लोगों से पैसे लेकर यह काम कराते हैं।
अफसरों की नाक के नीचे अतिक्रमण
स्थानीय लोगों का दावा है कि प्रबंधन सिर्फ दिखावे के लिये जमीनों पर अवैध कब्जा कर बैठे लोगों को नोटिस थमा रहा है। जबकि असलियत कुछ और ही बयां कर रही है। नगर की चौपाटी के बगल से लगी लाखों रूपये की कीमती भूमि पर हुआ अतिक्रमण इसकी जीती जागती मिसाल है। इतना ही नहीं अफसरों की नाक के नीचे लोगोंं ने अवैध शॉपिंग काम्प्लेक्स और बारातघर तक बनवा लिये हैं। इसी तरह ठीक रेलवे लाइन के किनारे किये जा रहे अवैध निर्माण पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। उलटे ऐसे लोगों को प्रबंधन खुद शह देकर उन्हे बचने के रास्ते सुझा रहा है।
गांजा तस्कर का सामान मंगलभवन मे
अराजकता और मनमानी के कारण शहर की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सरकारी जमीन हो या फिर सामाजिक भवन हर संपत्ति का सरेआम दुरूपयोग हो रहा है, और कोई भी जिम्मेदार अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है। बताया जाता है कि वर्ष 2019 मे एक गांजा तस्कर के विरूद्ध प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी। उस समय उसका पूरा सामान स्थानीय मंगल भवन मे रखवा दिया गया था। जो महीनो से वहीं पर रखा हुआ है। इसे लेकर भी किसी के कानो मे जूं तक नहीं रेंग रही है।

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