चीतल के शिकार करने पर 3 वर्ष की सजा

चीतल के शिकार करने पर 3 वर्ष की सजा
उमरिया। वन्य प्राणी चीतल का शिकार करने पर न्यायालय ने एक आरोपी के विरूद्ध 3 वर्ष के कठोर कारावास का निर्णय पारित किया है। अभियोजन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक गत 25 अप्रैल 2006 की रात गुल्लू चौधरी द्वारा बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान के कल्वाह परिक्षेत्र के मगधी एवं कल्वाह की सीमा पर बंदूक से चीतल का शिकार किया गया था। गोली की आवाज सुन कर मौके पर पहुंचे गश्ती दल को मृत मादा चिंकारा के शव के पास ही आरोपी बैठा मिला था। जिस पर उसे कुल्हाड़ी, फरसी, टार्च, थैला, पानी का डिब्बी सहित हिरासत मे लिया गया। इस मामले मे आरोपी के विरूद्ध वन अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना उपरांत न्यायालय मे परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया। प्रकरण के सूक्ष्म परिशीलन के पश्चात दोषी पाये जाने पर मुख्य न्यामयिक मजिस्ट्रेट आरपी अहिरवार आरोपी गुल्लू चौधरी को 3 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्डं की सजा सुनाई है।

 

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