चार साल मे बढ़े 41 बाघ
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की बदौलत मध्यप्रदेश का टाईगर स्टेट ताज बरकरार
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। बाघों की वंशवृद्धि के मामले मे बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व ने एक बार फिर देश भर मे अपने झंडे गाड़ दिये हैं। इतना ही नहीं उसी के उल्लेखनीय योगदान की बदौलत मध्यप्रदेश ने अपना टाईगर स्टेट का ताज बरकरार रखा है। गत 29 जुलाई को जारी बाघ गणना 2022 के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान पार्क मे 165 टाईगर विचरण करते पाये गये। इससे पूर्व 2018 मे इनकी संख्या 124 थी। मतलब चार वर्षो मे उद्यान मे 41 बाघ बढ़े हैं। राष्ट्रीय स्थिति की बात करें तो मध्यप्रदेश 785 बाघों के सांथ पहले नंबर पर है। जिसमे बांधवगढ़ के 165, कान्हा के 129, पेंच के 123, पन्ना मे 64, सतपुड़ा मे 62 तथा संजय दुबरी मे 20 बाघों का योगदान है। मप्र के बाद कर्नाटक मे 563, उत्तराखण्ड 560 एवं महाराष्ट्र मे 444 बाघ पाये गये हैं। इसी के सांथ बांधवगढ़ बाघों की तादाद के मामले मे देश के चौथे स्थान पर पहुंच गया है। इस सूची मे सबसे ऊपर उत्तराखण्ड का जिम कार्बेट टाईगर रिजर्व है, जहां सर्वाधिक 319 बाघ पाये गये हैं। कर्नाटक का बांदीपुर 191 के सांथ दूसरे स्थान, इसी राज्य का नांगरहोल टाईगर रिजर्व 185 बाघों के सांथ तीसरे नंबर पर तथा बांधवगढ़ 165 के सांथ चौथे स्थान पर है।
वन्य जीवों के संरक्षण की विरासत:अजय सिंह
राष्ट्रीय उद्यान अंतर्गत बाघों की संख्या मे हुई उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी से विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, पर्यावरणविद्, वन्यजीव प्रेमी तथा जिलेवासी बेहद प्रसन्न हैं। जिले के पूर्व विधायक एवं वन्य जीव विशेषज्ञ अजय सिंह ने कहा कि जल, जंगल, जमीन और वन्य जीवों का संरक्षण की परंपरा यहां के निवासियों को विरासत मे मिली है। सदियों से लोग बाघ तथा वृक्षों को देवतुल्य मानते हुए उनकी पूजा करते चले आये हैं। यही कारण है कि व्यक्तिगत नुकसान के बावजूद वे इन दुर्लभ जीवों का सम्मान करते हैं। इसी सोच की वजह से ही आज जिले मे वन और वन्यजीव सुरक्षित हें।
बाघ दिवस पर हुए विविध कार्यक्रम
बाघ दिवस के अवसर ताला के आडोटोरियम मे गत दिवस विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान जहां बाघ सरंक्षण मे बेहतर कार्य करने वाले वनकर्मी एवं स्टेक होल्डर्स सम्मानित हुए, वहीं पर्यावरण और वन्य जीव सरंक्षण विषय पर स्कूली छात्रो के बीच प्रतियोगिता आयोजित हुई। जिसमे सफल प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम मे पार्क प्रबंधन ने वन्य जीवों की सेवा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले वनकर्मियों एवं अधिकारियों की याद मे बनने वाले शहीद स्मारक का शिलान्यास किया।
बढ़ा जिले और प्रदेश का गौरव
बांधवगढ मे बाघों की बढ़ती संख्या प्रसन्नता का विषय है। गणना के नतीजों ने फिर से उद्यान और मध्यप्रदेश को गौरव की अनुभूति कराई है। इसके लिये स्थानीय ग्रामीण, नागरिक एवं विभागीय अमला बधाई के पात्र हैं। जिनकी जागरूकता और योगदान के कारण यह उपलब्धि हांसिल हो सकी है।
आरके मिश्रा
क्षेत्र संचालक
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व
चार साल मे बढ़े 41 बाघ
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