घूंस लेते पकड़ाये करकेली सीईओ

लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों दबोचा, दस हजार रूपये मे करा लिया कबाड़ा
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के करकेली जनपद मे पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिवाकर नारायण सिंह पटेल सोमवार को अपने ही कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की पकड़ मे आ गये। बताया गया है कि सीईओ द्वारा समन्वय अधिकारी रामलखन साकेत से 10 हजार रूपये की मांग की गई थी। परेशान फरियादी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से कर दी। लोकायुक्त निरीक्षक प्रमेंद्र कुमार ने बताया कि विभागीय टीम ने सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी कर मौके पर मुस्तैद हो गई थी। जैसे ही पीडि़त ने सीईओ को रिश्वत की रकम दी, टीम ने उन्हे धर दबोचा।

इस काम के लिये मांग रहे थे पैसा
जानकारी के मुताबिक समन्वय अधिकारी राम लखन साकेत निवासी ग्राम बररोहा पोस्ट भलुहा थाना नईगढ़ी जिला रीवा कई दिनो से क्रमोन्नति एवं जीपीएफ पार्ट फाइनल का प्रकरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करकेली के यहां लंबित था। सीईओ श्री पटेल इस कार्य के लिये अधिकारी से पैसा मांग रहे थे। मामले की शिकायत लोकायुक्त मे करने के बाद रामलखन ने आकर दिवाकर नारायण सिंह से 10 हजार रूपये मे सौदा तय कर लिया। पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार सोमवार को वह रकम लेकर सीईओ के पास पहुंचा और जैसे ही राशि सौंपी, टीम ने काम तमाम कर दिया।
12 सदस्यीय दल ने की कार्यवाही
लोकायुक्त की टीम ने इस पूरी कार्यवाही को जनपद पंचायत करकेली प्रांगण स्थित आरोपी सीईओ दिवाकर नारायण के शासकीय आवास पर अंजाम दिया। बताया गया है कि इसमे ट्रेपकर्ता अधिकारी प्रमेंद्र कुमार, डीएसपी प्रवीण सिंह परिहार सहित 12 सदस्यीय दल शामिल है। मामले की विवेचना जारी है।
राणावत के बाद 3 तारीख को फंसने वाले पटेल दूसरे सीईओ
करकेली जनपद मे हुई लोकायुक्त की इस कार्यवाही से जिले भर मे हडकंप मच गया है। जिला मुख्यालय सहित सभी जनपद, अनुभाग एवं तहसील कार्यालयों मे कल दिन भर यही चर्चा होती रही। गौरतलब है कि डीएन सिंह पटेल रिश्वत कांड मे फंसने वाले करकेली के दूसरे सीईओ हैं। इससे पहले वर्ष 2013 मे गोविन्द सिंह राणावत को पैसे लेते हुए टै्रप कर लिया गया था। खास बात यह है कि इन दोनो प्रकरणो मे विभागीय कर्मचारियों के सांथ 3 के अंक का विशेष हांथ था। पहले वाले सीईओ गोविंद सिंह राणावत 3 सितंबर 13 को पंचायत सचिव नत्थू रजक की शिकायत पर पकड़े गये थे, जबकि वर्तमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी पटेल भी 3 जुलाई 23 को पंचायत समन्वयक साकेत के कारण मुसीबत मे फंस गये।

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