घट सकते हैं तेल के दाम

क्रूड भंडार से 50 लाख बैरल जारी करेगा भारत, अमेरिका और चीन भी यही कर रहे
 नई दिल्ली । केंद्र सरकार देश में तेल के दामों को काबू में रखने व उनमें कमी लाने के इरादे से अपने सामरिक भंडार से 50 लाख बैरल कच्चा तेल (crude oil) जारी करेगी। अंतरराष्टीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट लाने के लिए अमेरिका, चीन व जापान समेत कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश इसी तरह का कदम उठा रहे हैं। यह पहला मौका है जब भारत अपने सुरक्षित व सामरिक तेल भंडार से कच्चा तेल बाजार में जारी करेगा। चूंकि तेल उत्पादक देशों का संगठन ‘ओपेक’ उत्पादन बढ़ाकर दामों में कमी लाने को तैयार नहीं हो रहा है, इसलिए भारत समेत विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों ने यह तरीका निकाला है। भारत के पूर्वी व पश्चिमी तट पर कच्चे तेल के भूमिगत भंडार हैं। इनमें 53.30 लाख टन या करीब 380 लाख बैरल कच्चा तेल आपात व सामरिक दृष्टि से सुरक्षित रखा गया है। सरकार ने मंगलवार को बताया कि इसमें से करीब 50 लाख बैरल कच्चा तेल बाजार में बेचने के लिए रिफाइनरियों को जारी किया जाएगा।

अमेरिका 500 लाख बैरल जारी करेगा
इसी तरह अमेरिका भी अपने सामरिक पेट्रोलियम भंडार से 500 लाख बैरल कच्चा तेल जारी करेगा। यह उसकी रोजाना की तेल खपत के बराबर होगा। अमेरिका में रोज 480 लाख बैरल तेल की खपत होती है।

तेल उत्पादक देश कृत्रिम रूप से बढ़ा रहे कीमतें
केंद्र सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि भारत की दृढ़ मान्यता है कि तरल हाईड्रोकार्बन्स की कीमतें उचित, जिम्मेदाराना और बाजार ताकतों द्वारा तय की जाना चाहिए। भारत हमेशा से चिंता जताता रहा है कि तेल उत्पादक देशों द्वारा कीमतों को कृत्रिम रूप से तय किया जा रहा है। इसका मांग से कोई संबंध नहीं है। इस कारण तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसका दूसरे देशों पर गंभीर असर हो रहा है।

मेंगलोर रिफाइनरी व हिंदुस्तान पेट्रोलियम को मिलेगा
केंद्र सरकार ने हालांकि यह नहीं बताया कि रिजर्व भंडार में से 50 लाख बैरल कच्चा तेल कब जारी किया जाएगा, लेकिन इस घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अगले सात से 10 दिनों में यह जारी कर दिया जाएगा। यह तेल मेंगलोर रिफाइनरी (MRPL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन (HPCL) को जारी किया जाएगा। ये दोनों रिफाइनरियां सामरिक भंडार की पाइप लाइन से जुड़ी हुई हैं। अमेरिका ने पिछले सप्ताह विश्व के कुछ सबसे ज्यादा तेल खपत करने वाले देशों, जिनमें भारत, चीन व जापान शामिल हैं, से असामान्य अपील करते हुए आग्रह किया था कि वे अपने क्रूड के भंडार से तेल जारी करें, ताकि विश्व बाजार में कीमतें कम कराने के समन्वित प्रयास किए जा सकें। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम अभी 78 डॉलर प्रति बैरल पर हैं।

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