ग्वालियर।दूसरों के बच्चों के लिए खीर-हलवा बनाने वाली 12 महिलाएं अपने बच्चों और परिवार को हमेशा के लिए बिलखता छोड़ गईं। इन 12 महिलाओं में से पांच तो अपने परिवार में इकलौती कमाने वाली थीं। ऑटो ड्राइवर भी घर का इकलौता ही कमाने वाला था। इन महिलाओं की मौत परिवार के लिए कभी न खत्म होने दर्द छोड़ गई है। इनमें से किसी को दो महीने बाद अपनी बेटी की शादी करनी थी, तो कोई पति की मौत के बाद बच्चों के सपने पूरे करने के लिए रात-दिन मेहनत कर रही थी। एक महिला तो अपने बच्चों को चॉकलेट लाकर देने का वादा करके घर से खाना बनाने निकली थी।
मंगलवार सुबह पुरानी छावनी आनंदपुर ट्रस्ट के सामने हुए बस-ऑटो भिड़ंत ने इन महिलाओं को अपनों से हमेशा के लिए जुदा कर दिया। ये महिलाएं गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों से थीं और परिवार को चलाने के लिए रोजाना देर रात से सुबह तक आंगनबाड़ी के लिए खाना पकाती थीं। सभी महिलाएं गोला का मंदिर के शिव कॉलोनी, जड़ेरूआ कला, पिंटो पार्क इलाके में रहती थीं। इस इलाके में अब मातम पसरा हुआ है।