राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ संपन्न हुई अंत्येष्ठी
भोपाल। वायुसेना के हेलीकॉप्टर हादसे में प्राण गंवाने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को अंतिम विदाई पूर्ण राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ यहां संपन्न हुई। उनका पार्थिव शरीर बैरागढ़ सैन्य अस्पताल से मुक्तिधाम रवाना किया गया। उनके अंतिम दर्शन और विदाई के लिए सड़क के दोनों ओर लोगों का की भीड़ रही। बैरागढ़ के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार से पहले श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई। अंतिम संस्कार के दौरान आम लोगो ने बैरिकेड्स के दूसरी तरफ से ग्रुप कैप्टन विक्रम सिंह को देखा। आपको बता दें कि शहीद वरुण सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को भोपाल लाया गया था। वरुण सिंह का अंतिम सफर का रूट 6 किलोमीटर का रहा। राजकीय और सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। लालघाटी विश्राम घाट में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सैन्य अधिकारियों और मंत्रियों ने भी शहीद वरुण सिंह को श्रद्धांजलि दी। बैरागढ़ संत हिरदाराम नगर श्मशान घाट में शहीद का अंतिम संस्कार हुआ। बताया जाता है कि साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने एलसीए तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। और इसी साल के स्वतंत्रता दिवस पर कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था। जानकारी के अनुसार वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले हैं। डीएसएससी में पदस्थ होने के चलते उनका पूरा परिवार तमिलनाडु में रहता है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, कांग्रेस नेता और प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह के भतीजे हैं। वहीं कैप्टन वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं। दरअसल तमिलनाडु में कुन्नूर के जंगलों में 8 दिसंबर को दोपहर 12.20 बजे सेना का एमआई-17वी 5 हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएम) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका समेत सेना के 14 अफसर सवार थे।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को दी गई अंतिम विदाई
Advertisements
Advertisements