पहला चरण: 788 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मे होगी कैद
अहमदाबाद। गुजरात के १९ जिलों की ८९ विधानसभा सीटों के लिए कल यानी १ दिसंबर को पहले चरण का मतदान होगा। लोकतंत्र के इस महापर्व में अपने मताधिकार के जरिए सहभागी होने का सभी मतदाताओं से राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती पी भारती ने अपील की है। गुजरात विधानसभा चुनाव २०२२ के अंतर्गत १ दिसंबर को पहले चरण में राज्य के १९ जिलों की ८९ सीटों के लिए २५४३० पोङ्क्षलग बूथों पर मतदान का पवित्र अवसर है। लोकतंत्र के अमूल्य अवसर में २ करोड़ ३९ लाख ७६ हजार ६७० मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर इसमें सहभागी हो सकते हैं। सभी मतदाताओं को मतदान की नैतिक जिम्मेदारी निभाने की राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अनुरोध किया है। मतदाताओं से अपील करते हुए श्री पी भारती ने कहा कि लोकतंत्र के इस पवित्र पर्व में वोट देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है और उसे सभी को निभानी चाहिए। मेरा एक वोट नहीं देने से क्या फर्क पड़ेगा? यह सोचना गलत होगा। एक वोट की कीमत पानी के बूंद जैसी है। बूंद-बूंद से ही समुद्र छलकता है। अगर पानी की एक बूंद विचार करे कि मेरे नहीं होने से समुद्र को क्या फर्क पड़ेगा? अगर हर बूंद का यह विचार हो तो समुद्र कैसे छलकेगा? इसीलिए सभी के लिए मतदान करना जरूरी है। पी भारती ने कहा कि लोकतंत्र यानी लोगों के लिए लोगों से और लोगों से चलने वाली सरकार। लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरी होती है इसलिए मतदान करने का अवसर ना गंवाएं। लोकतंत्र के इस अवसर को हम सभी अपने अपने मत शक्ति का उपयोग कर मनाएं।
आप भी आजमा रही किस्मत
इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी भी किस्मत आजमा रही है। ऐसे में यह चुनाव दिलचस्प हो सकता है। आप ने खुद को राज्य में भाजपा के खिलाफ मुख्य दावेदार के रूप में स्थापित किया है. केजरीवाल ने जुलाई से पांच महीने तक पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का प्रचार मंगलवार शाम पांच बजे थम गया। अपने चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्य भर में पार्टी के दिग्गजों के साथ एक दिन में कई सार्वजनिक सभाओं का आयोजन किया।
आदिवासी गरीब और वंचितों के नाम पर कांग्रेस ने की राजनीति: अमित शाह
गुजरात चुनाव के पहले चरण के बाद अब दूसरे चरण के लिए राजनीतिक दलों के बीच घमासान तेज हो गया है। महीसागर जिले के कडाणा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी गरीब शोषित और वंचितों के नाम पर केवल राजनीति की है। जबकि भाजपा सरकार ने नर्मदा में बिरसा मुंडा यूनिवॢसटी गोधरा में गुरु गोविंद यूनिर्वसिटी समेत आदिवासियों की संतानों की शिक्षा के लिए अनेक संस्थाओं की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भूतकाल में आदिवासियों के लिए केवल ९०० करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया था। जबकि भूपेन्द्र पटेल की सरकार ने आदिवासियों के लिए १ लाख करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया है। भाजपा सरकार ने वनबंधु कल्याण योजना शुरू की जिसके जरिए आदिवासी इलाकों में रोजगार बिजली सड़कें और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। गांव-गांव शिक्षा स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई और आदिवासी क्षेत्रों के सभी गांव सड़कों से जोड़े। उन्होंने लोगों से कहा कि कांग्रेस जब वोट मांगने आए तब उसेक काम के बारे में सवाल जरूर करना। अमित शाह ने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान कांग्रेस ने वैक्सीन को लेकर भी राजनीति की थी। जबकि भाजपा सरकार ने वैक्सीनेशन के साथ ही अनाज देने की चिंता की थी।