गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार में 11 कैबिनेट और चार राज्य मंत्रियों ने ली शपथ

पायलट गुट के पांच विधायकों को भी बनाया गया मंत्री
जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुनर्गठित मंत्रिमंडल में 11 विधायकों को कैबिनेट मंत्री और चार विधायकों को राज्य मंत्री के रूप में शपथ दिलाई। गहलोत कैबिनेट में जिन 12 नए चेहरों को शामिल किया गया है, उनमें पांच सचिन पायलट खेमे के हैं। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद रहे। राज्यपाल मिश्र ने हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत सिंह मा​लविया, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत समेत 11 लोगों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई। जबकि, बृजेंद्र सिंह ओला, मुरारी लाल मीणा, राजेंद्र गुड्डा और जाहिदा खान को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई की। मंत्रिमंडल के पुर्नगठन के तहत नए मंत्रियों के शपथ लेने से पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी विधायकों की बैठक हुई। गहलोत मंत्रिमंडल में 15 नए मंत्रियों ने शपथ ली। बैठक में विचार-विमर्श के बाद पुनर्गठित मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों के नामों पर अंतिम रूप से मोहर लगी। पायलट खेमे को संतुष्ट करने के लिए उनके खेमे से पांच विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई।इस अवसर पर अशोक गहलोत ने कहा जिन्हें कैबिनेट में शामिल नहीं किया जा सका, उनकी अहमियत कम नहीं आंकी गई है। उन्हें सरकार और संगठन में दूसरी अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएंगी। उन्होंने कहा कि पिछले 35 महीने में हमारी सरकार ने प्रदेश को संवेदनशील, पारदर्शी व जवाबदेह सुशासन देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि अनेक विपरीत स्थितियों में भी हमारी सरकार ने प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि हम एकजुटता के साथ कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की नीति, विचारधारा व कार्यक्रम को आम जनता तक लेकर जाएंगे और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव जीतकर एक बार फिर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। हमारे कार्यकाल में हुए विधानसभा उपचुनाव व स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को जीत दिलाकर जनता ने हमारी सरकार के सुशासन पर मुहर लगा दी है।  इस बीच, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा नई कैबिनेट में चार दलित मंत्रियों को जगह दी गई है। हमारी पार्टी चाहती है कि दलित, उपेक्षित, पिछड़े लोगों का प्रतिनिधित्व हर जगह होना चाहिए। काफी समय से हमारी सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व नहीं था, अब हमने इसकी भरपाई कर दी है। आदिवासियों का भी प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया है। कैबिनेट फेरबदल पर कांग्रेस विधायक शफिया जुबैर ने असंतुष्टि जताते हुए कहा कि महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण के नियम का पालन नहीं किया गया है। जबकि, टीकाराम को लेकर कांग्रेस में ही विरोध शुरू हो गया है।

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