गरीबों के तेल से चल रहे ट्रेक्टर

गरीबों के तेल से चल रहे ट्रेक्टर
करकेली जनपद के झांपी मे चल रही धांधली, राशन भी नहीं होता वितरित
उमरिया। जिले के करकेली जनपद अंतर्गत उचित मूल्य की राशन दुकानो मे धांधली का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सेल्समैन ख्ुालेआम गरीबों के लिये आया, अनाज, मिट्टीतेल और अन्य सामग्री बाजार मे बेंच कर अपनी जेबें भर रहे हैं। इस तरह की शिकायतें सामने आने पर जब अधिकारी जांच के लिये पहुंचते हैं तो कोटेदार माल का हिस्सा थमा कर उनका मुंह कर देते हैं, लिहाजा उन्हे प्रशासन की किसी कार्यवाही का खौफ ही नहीं है। जनपद के ग्राम झांपी मे तो हालत और भी दयनीय है, जहां सेल्समैन द्वारा पूरा मिट्टीतेल ट्रक और ट्रेक्टर वालों को 40 रूपये लीटर मे बेंचा जा रहा है। यह काम दब-छिप कर नहीं बल्कि जाहिर तौर पर किया जा रहा है। सेल्समैन हीरा सिंह का साफतौर पर कहना है कि जब अधिकारियों को पैसा देते हैं, तो फिर डर किस बात का। यह दावा उस समय काफी हद तक सही भी दिखाई देता है, जब ग्रामीणो की फरियाद की सुनवाई कहीं नहीं होती।
आधे हितग्राहियों को राशन
सिर्फ मिट्टीतेल ही नहीं ग्रामीणो के लिये भेजा जाने वाला राशन भी फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि राशन दुकान मे 517 लोग पंजीकृत हैं, इनमे से बमुश्किल 100 या 200 लोगों को ही राशन की आपूर्ति की जाती है। शेष को गल्ले की बजाय अगले मांह की पेशी मिलती है। अगले महीने फिर इतने ही लोगों को राशन दिया जाता है। लोगों का मानना है कि कोटेदार हर मांह करीब 300 गरीबों को मिलने वाले अनाज का गोलमाल कर जाता है।
रसूखदारों की शह
कोटेदारों को अधिकारियों का ही नहीं क्षेत्र के रसूखदार नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है। इसके लिये वह सफेदपोशों की भी डिमाण्ड पूरी करता है। जब कार्यवाही का ज्यादा दबाव पड़ता है तो ये रसूखदार कोटेदार को बचाने के लिये ऊपर से नीचे तक एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं, नतीजतन उनका बाल भी बांका नहीं होता और गरीब जरूरतमंद चिल्लाते रह जाते हैं।
घर मे लगती है राशन की दुकान
बताया जाता है कि अधिकांश उचित मूल्य की दुकाने सेल्समैनो के घर से संचालित होती हैं। जिससे वे पूरा माल आसानी से खुर्दबुर्द कर देते हैं। ग्राम झांपी मे भी ऐसे ही हालात हैं। जब हितग्राही राशन या मिट्टीतेल लेने पहुंचते हैं तो सेल्समैन उन्हे माल का उठाव न होने की बात कह कर चलता कर देता है, यदि किसी ने जिद की तो वह गाली-गलौज पर उतारू हो जाता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि उचित मूल्य की दुकान सेल्समैन के घर की बजाय पंचायतभवन अथवा अन्य स्वतंत्र स्थानो से संचालित की जांय।
करेंगे कार्यवाही
ग्राम झांपी मे हितग्राहियों के राशन व मिट्टीतेल वितरण मे गड़बड़ी की शिकायत की जांच कराने के उपरांत दोषी पाये जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
संजीव श्रीवास्तव
कलेक्टर, उमरिया

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One thought on “गरीबों के तेल से चल रहे ट्रेक्टर

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