गड्ढों मे गुम हुई शहर की सड़कें

उपेक्षा का शिकार मां बिरासिनी की नगरी, नहीं है कोई धनी-धोरी
बांधवभूमि, तपस गुप्ता
बिरसिंहपुर पाली। ऊर्जा के स्त्रोत काले हीरे और बिजली का उत्पादन कर देश को रौशन करने वाले मां बिरासिनी के धाम बिरसिंहपुर की उपेक्षा का दंश लोगों के लिये पीड़ा का सबब बनता जा रहा है। पहले रेलवे और अब प्रशासन की अनदेखी के कारण शहर ही नहीं समूचा जनपद क्षेत्र आवागमन की सुविधाओं के लिये तरस रहा रहा है। मुख्य रूप से सड़क के मामले मे तो दिक्कतें बढ़ती ही जा रही हैं। इलाके का महत्वपूर्ण माना जाता पाली-डिण्डौरी राजमार्ग समस्या का सबसे बड़ा उदाहरण है। जिसमे अब गड्डों के अलावा कुछ भी नहीं बचा है।
नौ दिन मे तय होते अढ़ाई कोस
यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग से शुरू हो कर एमपीईबी कालोनी होते हुए डिंडौरी तक जाती है। जिस पर सैकड़ों की संख्या मे भारी वाहनो के अलावा चार पहिया और दो पहिया चलते हैं। डिंडौरी मार्ग से ही एमपीईबी विद्युत संयंत्र और पाली प्रोजेक्ट कालरी के सांथ ही दोनो की आवासीय कालोनियों के लोग आते-जाते हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या मे स्कूली बच्चों को भी रोजाना इससे गुजरना पड़ता है। पाली और मंगठार के बीच कई जगहों पर तो यह सड़क इतनी खराब हो चुकी है, कि कुछ मील भर का सफर तय करने मे ही घंटों का समय लग जाता है। जर्जर मार्ग के कारण वाहन चालकों को परेशानी के अलावा आये दिन यहां दुर्घटनायें भी हो रही है।
साल भर मे जस की तस हुई सड़क
स्थानीय लोगों के मुताबिक वर्षो तक यह सड़क दुर्दशा का शिकार रही है। काफी हो-हल्ला मचने के बाद पिछले ही साल इसका नवनिर्माण कराया गया था। उस समय इसमे हो रहे भ्रष्टाचार और धांधली का मामला जोरशोर से उठा था। लोगों का अनुमान था कि करोड़ों रूपये खर्च करने के बावजूद जल्दी ही यह वापस अपने पुराने स्वरूप मे आ जायेगा। ऐसा ही हुआ, सड़क निर्माण के नाम पर लाखों रूपये डकारने वाले अधिकारियों की कारस्तानी के कारण आज हालत पहले से भी बदतर हो गई है।
अतिक्रमण हटा कर दुरूस्त करें सड़क
धार्मिक तथा औद्योगिक शहर बिरसिंहपुर पाली का प्रदेश और देश के विकास मे अहम योगदान है। करोड़ों रूपये हर महीने राजस्व देने के बाद भी इच्छाशक्ति और योजना के आभाव मे इसका समुचित विकास नहीं हो सका है। बेजा अतिक्रमण के कारण सड़कें तंग गलियों मे परिवर्तित हो गई हैं। तीज-त्यौहारों के दौरान तो लोगों का निकलना ही मुश्किल हो जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस ऐतिहासिक नगर को सुंदर और व्यवस्थित बनाने के लिये गंभीर और ठोस पहल की दिरकार है। उन्होने जिला प्रशासन से अतिक्रमण हटा कर डिड़ौरी मार्ग को दुरूस्त कराने की मांग की है।

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