गड़े मुर्दे मत उखाड़ो:सुप्रीम कोर्ट

शहरों के नाम बदलने के लिए आयोग बनाने वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर रखे गए सड़कों, शहरों और स्थानों का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार से एक नामकरण आयोग गठन करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता भाजपा नेता व एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय को नसीहत देते हुए कहाकि, गड़े मुर्दे मत उखाड़ो, जो केवल वैमनस्य पैदा करेगा। धर्म की जगह देशहित को सर्वोपरि रखें। इसके बाद कड़ा रुख अख्तियार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें विदेशी आक्रमणकारियों के नाम पर रखे गए सड़कों, शहरों और स्थानों का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार से एक नामकरण आयोग गठन करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने कहा कि, हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है।हिंदू धर्म, कोई धर्म नहीं, बल्कि जीने का तरीका है। एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय ने यह याचिका दायर की थी।
यह है एक धर्मनिरपेक्ष मंच
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और इतिहास को वर्तमान पीढ़ी को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, यह एक धर्मनिरपेक्ष मंच है। हमसे संविधान और सभी वर्गों की रक्षा करने की अपेक्षा की जाती है।
हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं
इस बात पर जोर देते हुए कि हिंदुत्व सिर्फ एक धर्म नहीं जीवन जीने का एक तरीका है, पीठ ने कहा, हमने सभी संस्कृतियों को आत्मसात कर लिया है। आइए इसे इस तरह की याचिकाओं से न तोड़ें।हिंदू धर्म जीवन का एक तरीका है और इसमें कोई कट्टरता नहीं है। आपको या इस अदालत को तबाही मचाने का साधन नहीं बनना चाहिए।
नामकरण आयोग गठित करने की मांग
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को विदेशी आक्रमणकारियों के नाम से रखे गए ऐतिहासिक सांस्कृतिक धार्मिक स्थलों के मूल नामों का पता लगाने के लिए नामकरण आयोग गठित करने का निर्देश देने की मांग की थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट पुरातत्व विभाग को पुराने नामों को प्रकाशित करने के लिए निर्देश दे।

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