गजराजों की होगी आवभगत

गजराजों की होगी आवभगत
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे हाथी महोत्सव का आयोजन
बांधवभूमि न्यूज, धीरेन्द्र प्रताप सिंह
उमरिया। जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे हाथी महोत्सव आज 4 सितंबर से शुरू होगा। सात दिनो तक चलने वाले इस कार्यक्रम मे हथियों की विशेष खातिरदारी की जायेगी। उन्हे उनका प्रिय भोज गुड़ और गन्ना खिलाया जायेगा। महोत्सव के दौरान रोजाना हाथियों का स्नान कराने के बाद तेल मालिश और विशेष श्रृंगार किया जाता है। सांथ ही वन्य जीव चिकित्सक उनका सूक्ष्म स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। वहीं आवश्यकतानुसार उनका उपचार भी किया जाता है। महोत्सव का समापन 10 सितंबर को होगा।
शामिल होंगे आम और खास
नेशनल पार्क के क्षेत्र संचालक विंसेन्ट रहीम ने बताया कि हांथी महोत्सव का आयोजन उद्यान के ताला गेट के समीप किया जायेगा। टाइगर रिजर्व मे बीते कई वर्षों से हो रहे हाथी महोत्सव मे इस बार भी पार्क के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधि, इको विकास समितियों के पदाधिकारी और स्थानीय ग्रामीण भी हिस्सा ले सकेंगे। सुरक्षा मे महत्वपूर्ण योगदान
गौरतलब है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा तथा समय-समय मे होने वाले रेस्क्यू आपरेशन मे इन हाथियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इसके अलावा इनका विशेष काम विभिन्न क्षेत्रों मे विचरण करने वाले बाघों की निगरानी करना भी है। महोत्सव का उद्देश्य वर्ष भर कार्य करने वाले हाथियों को विश्राम देना और जरूरी देखरेख करना है।
आजादी के पहले पैदा हुआ था गौतम
हांथी बांधवगढ़ नेशनल पार्क की व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग माने जाते हैं। महोत्सव मे हिस्सा ले रहे 14 हाथियों मे 9 नर व 5 मादा है। नरों मे गौतम 75 सबसे उम्रदराज है, जिसका जन्म आजादी के पहले अर्थात वर्ष 1946 मे हुआ था। इसे 1978 मे कान्हा से लाया गया था। जबकि मादाओं मे 57 साल की अनारकली सबसे बुजुर्ग है। इसे सोनपुर बिहार के मेले से खरीदा गया था। अन्य नरों मे श्याम 38, रामा 35, सुंदर गज 34, लक्ष्मण 24, अष्टम 19, नील 18, सूर्या 9 तथा गणेश 6 साल का है। मादाओं मे काजल 43, बांधवी 10, पूनम 8 एवं नन्ही लक्ष्मी 3 वर्ष की है।
जंगलों से पकड़े गये थे 5 हांथी
बांधवगढ़ मे हाथियों का कुनबा बड़ा करने मे जंगल से पकड़े गये हाथियों का विशेष योगदान है। इनमे से काजल, श्याम, लक्ष्मण व नील को सीधी तथा रामा को अनूपपुर के जंगल से रेस्क्यू कर के लाया गया था। जबकि सुंदरगज, अष्टम, बांधवी, सूर्या पूनम, गणेश और लक्ष्मी का जन्म बांधवगढ़ मे ही हुआ है।

 

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