खुले बोरों को लेकर सख्त हुआ प्रशासन

खुले बोरों को लेकर सख्त हुआ प्रशासन

जिले मे धारा 144 प्रभावी, कलेक्टर ने बुद्धेश कुमार वैद्य ने दिये तत्काल कार्यवाही के निर्देश 

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, उमरिया
कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने जिले मे अनुपयोगी एवं खुले नलकूपों तथा बोरवेल से बच्चों को सुरक्षित करने धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग मे लाते हुए उनके द्वारा ऐसे नलकूप, बोरवेल तथा ट्यूबवेलों  मे छोटे बच्चों के गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने व नियंत्रण की कार्यवाही हेतु संपूर्ण उमरिया जिले की राजस्व सीमाओं मे आगामी आदेश पर्यन्त यह प्रतिबंधात्मक आदेश पारित किया गया है। जिसमे उल्लेखित है कि जिले के समस्त अनुपयोगी एवं खुले नलकूप बोरवेल ट्यूबवेल की जानकारी एकत्रित करने के सांथ उन्हें सुरक्षित रूप से बंद करने की कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित की जाय। समस्त अनुविभागीय व कार्यपालिक दण्डाधिकारियों के अलावा थानों, स्थानीय निकायों, जनपद पंचायतों, ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों को विभिन्न माध्यमो के जरिये तथा नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर इस आदेश को प्रसारित करने हेतु निर्देशित किया गया है। आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित के  विरूद्ध धारा 188 के तहत कार्यवाही की जायेगी।

अधिकारियों को सौंपे दायित्व
कलेक्टर ने आदेश दिया है कि जिले मे जिन बोरवेल का उपयोग नहीं किया जाता है, या जिनमे मोटर नही डाली गई है। सांथ ही कैप नहीं लगा हुआ है, उन समस्त खुले बोरों मे कैप लगाने का कार्य संबंधित मकान मालिक व किसान संस्थायें करें। बोरवेल को लोहे के मजबूत ढक्कन से नट बोल्टों के द्वारा मजबूती के साथ बंद किया जाय। इस आदेश के पालन का दायित्व संबंधित कार्यपालिक मजिस्ट्रेट तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को सौंपा गया है।

संधारित करें बोरिंग संबंधी जानकारी
प्रशासन ने जिले के कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकीय विभाग को शासन के निर्देशानुसार एक पोर्टल विकसित करने को कहा है। जिसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में संबंधित नगर पालिका, नगर परिषद द्वारा नवीन नलकूप खनन, खनन मशीनों का पंजीयन, ठेकेदारों तथा अनुपयोगी एवं खुले नलकूपों की जानकारी संधारित की जायेगी। कलेक्टर ने अधिकारियों को समस्त प्रक्रिया की मॉनिटरिंग हेतु भी निर्देशित किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन
दरअसल देश भर मे खुले व अनुपयोगी नलकूपों मे गिर कर हो रही मासूमो की मौतों को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालयए मे प्रस्तुत याचिका मे 11 फरवरी 2010 एवं 06 अगस्त 2010 को निर्णय पारित किये गये थे। जिसके परिपालन हेतु मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा गत 14 दिसंबर 2023 को एक परिपत्र जारी कर सभी जिलों मे आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये हैं।

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