जिला मुख्यालय का हाल खराब, गड्डों के जाल मे फंस कर गिरते राहगीर
उमरिया। जिला मुख्यालय हमेशा ही जिले का मुख्य शहर माना जाता है। क्योंकि वहां पर आम जनता का निरंतर आवागमन होता है। शासन के मंत्री और उच्चाधिकारीं भी यहीं से अपनी गतिविधियों को संचालित करते हैं। ऐसे मे यदि व्यवस्था मे कोई खामी हो तो इसका मतलब यही है कि संबंधित विभाग या तो अपने दायित्वों के प्रति गंभीर नहीं है, या फिर उसे किसी व्यक्ति या कार्यवाही खौफ नहीं है। उमरिया शहर भी इन दिनो ऐसी ही परिस्थितियों से दो-चार है। बीते दिनो हुई बारिश से लगभग हर इलाके की मुख्य सड़क खाईयों मे परिवर्तित हो गई है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति स्टेशन रोड से गांधी चौक के बीच की है। जहां पूरी सड़क ही गड्ढों मे गुम हो गई है। हलांकि तकलीफ बढऩे के बाद नगर पालिका ने बजरी बिछा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी का प्रयास किया है परंतु मामला दो दिन मे ही जस का तस हो गया है। आलम यह है कि गड्ढों मे पानी भर जाता है। जैसे ही कोई वाहन वहां से गुजरता है, पानी के छीटे किनारे दुकानो पर खड़े लोगों को नहला देते हैं। वहीं इस वजह से आये दिन दुर्घटनायें भी हो रही है।
लोक निर्माण विभाग की लापरवाही
बताया गया है कि स्टेशन चौक से गांधी चौक हो कर खलेसर नाका के बीच की सड़क लोक निर्माण विभाग के अधिपत्य मे है। इस मार्ग मे गड्ढों के अलावा हाईवे के पास रोड ऊंची होने से काफी ऊंची टेंक बन गई है। बारिश मे इस टेंक पर भारी फिसलन हो जाती है, जिससे कई बार वाहन चालक स्लिप होकर गिर जाते हैं। वहीं इसी के कारण हाईवे पर हादसे की स्थिति निर्मित हो जाती है।
बजरी से ढांका जा रहा भ्रष्टाचार
हाल के वर्षो मे ही लाखों रूपये खर्च कर बनाई गई यह सड़क बरसात मे उखड़ कर बराबर हो गई। जो बताती है कि निर्माण कार्य मे किस कदर धांधली और बंदरबांट हुई है। इसकी जांच और कार्यवाही की बजाय बजरी डाल कर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।
बिना अधिपत्य मे आये ही हुआ निर्माण
सूत्रों के मुताबिक कुछ वर्ष पहले तक शहर की सभी मुख्य सड़कें लोक निर्माण विभाग के अधिपत्य मे थीं। अब स्टेशन चौक से गांधी चौक, पाली रोड के अलावा शेष सड़कें नगर पालिका ने अपने कब्जे मे ले ली हैं। जानकारों का दावा है कि नगर की कई सडकें पीडब्ल्यूडी से हस्तांरित हुये बगैर ही नगर पालिका द्वारा इनकी मरम्मत, विस्तार व डिवाईडर आदि बनाने का कार्य किया गया है। स्टेशन रोड पर पुराने ओवर ब्रिज को तोड कर नीचा कराने का कार्य भी नगर पालिका के सौजन्य से हुआ है। यह सड़क आज भी लोक निर्माण विभाग की बताई जा रही है। जो कि बेहद आपत्तिजनक है। इस नियमविरूद्ध कार्य के पीछे किसका दबाव और दिलचस्पी थी, यह जांच का विषय है।
नये सिरे से बुलाई जा रही निविदा
शहर के डामरीकृत सड़कों की मेंटीनेन्स अवधि समाप्त होने के कारण अब नये सिरे से निविदायें आमंत्रित करने की तैयारी की जा रही है। बारिश खत्म होते ही इनकी मरम्मत का कार्य कराया जायेगा।
देवल सिंह
उपयंत्री नपाप उमरिया
खाईयों मे गुम हुई सड़क
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