विभाग ने शासन को लिखा पत्र, किस्म-45 वितरित करने की मांगी गई अनुमति
बांधवभूमि, उमरिया
अनाज के स्टाक मे भारी कमी के चलते हितग्राहियों को राशन की सप्लाई मे लगातार दिक्कतें आ रही हैं। बीते करीब 5 महीनो से उचित मूल्य की दुकानो से गरीबों को गेहूं की बजाय सिर्फ चावल ही दिया जा रहा था, पर अब इसे जारी रखने मे भी खासी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को सामान्य किस्म का चावल दिया जाता है, जिसका स्टाक उपलब्ध न होने के कारण विभाग ने अब शासन से किस्म-45 चावल के सप्लाई की अनुमति मांगी है। जिसके मिलने पर हितग्राहियों को इसकी सप्लाई की जा सकेगी। फिलहाल 45 चावल की आपूर्ति सीएम अन्नपूर्णा योजना के तहत की जा रही है, जबकि पीएमजेकेवाई मे सामान्य किस्म का चावल दिया जा रहा है।
क्या है किस्म-45 चावल
जानकारी के मुताबिक जिले के हितग्राहियों को राशन की दुकानो से दो प्रकार के चावल का वितरण किया जा रहा है। इनमे से एक कामन चावल है, जिसका उपयोग प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना मे होता है। जबकि 45 की सप्लाई सीएम अन्नपूर्णा योजना मे की जा रही है। 45 मे एफआरके अर्थात आयोडीन समेत 5 प्रकार मिनरलों का मिश्रण किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा गरीब परिवारों मे घेंघा रोग सहित संक्रमण की शिकायतों को देखते हुए चावल मे एफआरके मिला कर देने की सिफारिश की गई थी। जिसके बाद से राईस मिलों को ब्लंडिंग मशीन के जरिये चावल मे एक प्रतिशत एफआरके डालने को कहा गया था।
फैली थी प्लास्टिक चावल की अफवाह
विभागीय सूत्रों का कहना है कि 45 किस्म के चावल मे 5 प्रकार के मिनिरल्स डाले जाने के कारण इसमे काफी बदलाव आ जाते हैं। सामान्य चावल की तुलना मे वजन मे हलका होने से यह पानी मे भी तैरता रहता है। सांथ ही दांत से चबाने पर भी नहीं टूटता। इसी की वजह से पिछले दिनो राशन की दुकानो से प्लास्टिक का चावल दिये जाने की अफवाह उड़ी थी। अधिकारियों का दावा है कि यह चावल प्लास्टिक का कतई नहीं है।
यह है प्रावधान
उल्लेखनीय है कि वर्तमान मे पीएचएच कार्डधारी को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत सीएम अन्नपूर्णा योजना का 35 किलो तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का 5 किलो प्रति व्यक्ति अनाज दिये जाने का प्रावधान है। जिसमे 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल शामिल है, परंतु बीते करीब 5 महीनो से हितग्राहियों को सिर्फ चावल ही मिल रहा है।
खत्म हो रहा गरीबों के चावल का स्टाक
Advertisements
Advertisements