खतरों के बीच कैसे पलेंगे नन्हे बाघ

खतरों के बीच कैसे पलेंगे नन्हे बाघ
बांधवगढ़ मे गूंज रही शावकों की किलकारियां खुशी और चिंता का सबब
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। अपने हरे-भरे जंगलों और दुर्लभ वन्यजीवों के लिये दुनिया भर मे मशहूर बांधवगढ़ नेशनल पार्क इन दिनो नन्हे वनराजों की किलकारियों से गूंज रहा है। पार्क के मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र संचालक के मुताबिक बीते कुछ महीनो के दौरान बांधवगढ़ के जंगलों मे कई शावकों ने जन्म लिया है। इनकी संख्या एक से डेढ़ दर्जन बताई गई है। यह खबर वन्य जीव प्रेमियों के लिये सुकून के सांथ चिंता का सबब बनी हुई है। उनका मानना है कि बीते कुछ सालों मे बांधवगढ़ ने कई बाघों को खोया है। ऐसे मे नन्हे शावकों का बड़ा हो कर अपने पूर्वजों की विरासत संभालना जरूरी है। उनकी चिंता उद्यान पर कुदृष्टि लगाये शिकारियों को लेकर भी है, जिनकी गतिविधियो की पुष्टि बीते दिनो कई बार हुई है। हाल ही मे एक बाघ का शव मानपुर बफर के बडख़ेरा बीट के पास मिट्टी मे दबा मिला था, जिसे मार कर दफ्न करने की आशंका जताई गई थी। इस मामले का ख्ुालासा अभी तक नहीं हो सका है। इसके अलावा बांधवगढ़ से पेंगालीन की तस्करी के कई मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे मे इन शावकों के वयस्क होने और उनका जीवन बचाने की बड़ी चुनौती प्रबंधन के सामने है। मतलब साफ है कि यदि बांधवगढ़ के बाघों को सुरक्षित रखना है तो क्षेत्र मे सक्रिय शिकारियों और असमाजिक तत्वों को सख्ती से निपटाना जरूरी है।
नये साल मे मारे गये 6 बाघ
नया साल बांधवगढ़ के बाघों के लिये कुछ अच्छा नहीं रहा। इस दौरान जहां आधा दर्जन बाघों की मौत हो गई वहीं 3 तेंदुओं ने भी पार्क को अलविदा कर दिया। मरने वाले बाघों मे अधिकांश मादा हैं, जो इस नुकसान को कई गुना बढ़ा देता है।
यहां-यहां देखे जा रहे नवजात
क्षेत्र संचालक ने बताया कि बांधवगढ़ के मानपुर परिक्षेत्र की बडख़ेरा बीट स्थित एक गुफा मे बाघ के 2 नवजात शावक गश्ती के दौरान देखे गए हैं। इसी प्रकार पनपथा कोर परिक्षेत्र के चंसुरा मे लगभग 3 माह के 2 शावक, पनपथा बफर के बिरूहली क्षेत्र मे 3 माह के 2 शावक तथा धमोखर के बदरेहल एवं रायपुर क्षेत्र मे 6 माह के दो-दो शावक चिन्हित हुए हैं। इसके अलावा कल्लवाह परिक्षेत्र मे 8 से 10 माह के चार शावक लगातार देखे जा रहे हैं। इस दौरान ताला परिक्षेत्र मे लंबे समय से सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र रही बाघिन टी-17 ने भी 4-5 शावकों को जन्म दिया है। जबकि पतौर परिक्षेत्र मे 8-12 माह के 12 शावक, धमोखर परिक्षेत्र मे 6 माह के 4 शावक, पनपथा बफर परिक्षेत्र मे 3 माह के 2 शावक, पनपथा कोर परिक्षेत्र मे 3 माह के 2 शावक, मानपुर मे नवजात 2 शावक, मगधी परिक्षेत्र मे 10-12 माह के 5 शावक, तथा खितौली परिक्षेत्र मे 8-12 माह के 4 शावकों के विचरण करने की बात कही जा रही है। बड़ी संख्या मे नये शावकों के जन्म लेने से पार्क के अधिकारियों एवं कर्मचारियों मे हर्ष व्याप्त है।

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