उप्र के संभल जिले मे हुआ हादसा, चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
संभल। उप्र के संभल जिले मे एआर कोल्ड स्टोरेज की छत ढह गई। मलबे में दबने से १५ लोगों की मौत हो गई है, जबकि ११ लागों को बाहर निकालकर मुरादाबाद के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी भी करीब आधा दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। २४ घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। डीएम मनीष बंसल के मुताबिक, मरने वालों में अधिकतर बदायूं के निवासी हैं। उनके परिजन भी वहां पहुंचे हैं। अभी भी परिवार ऐसे है जो अपनों के मलबे में दबे होने की बात कह रहे हैं। इसलिये जबतक एक के भी फंसे होने की आशंका होगी तबतक रेस्क्यू करेंगे।
सीएम ने योगी ने जताया दुख
इस बीच दीक्षांत समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम के बाद टीएमयू अस्पताल में भर्ती चंदौसी शीतगृह हादसे में घायल चार मजदूरों से मुलाकात की और उनका हाल जाना। सीएम ने चंदौसी शीतगृह हादसे में मरने वालों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख और गंभीर रूप से घायलों को ५०-५० हजार रूपए आर्थिक मदद की घोषणा की। हादसे में जान गंवाने वाले किसान या कृषि कार्य जुड़े लोगों के परिजनों को किसान दुर्घटना बीमा योजना के तहत पांच-पांच लाख रूपये की सहायता दी जाएगी। पत्रकारवार्ता में सीएम ने कहा कि चंदौसी शीतगृह हादसा दुखद है। अभी बचाव कार्य पर फोकस है। इस मामले में लापरवाही की जांच करने के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में एक टीम का गठन किया गया है। टीम का निर्णय आने के बाद कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे के बाद रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरआफ की टीमें लगाई गई हैं। कमिश्नर और डीआईजी मौके पर कैंप कर रहे हैं। छह लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घरों के लिए भेज दिया गया। चार घायल टीएमयू में भर्ती हैं। एक घायल को मेरठ स्थित मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया है। मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित टीम की रिपोर्ट आने के बाद घटना के कारणों का पता चलेगा। इसी आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
आलू का दबाव पड़ने से पिलर टूटा, फिर छत ढही
जिस कोल्ड स्टोरेज में हादसा हुआ उसका नाम एके कोल्ड स्टोरेज है। यहां के एक कर्मचारी ने बताया, स्टोरेज को बेतरतीब तरीके से क्षमता से ज्यादा भरा जा रहा था। अफसर हम लोगों से और आलू भरने की बात बार-बार कह रहे थे। जब एक रैक भर गई तो गैलरी में भी जुगाड़ से लकडि़यों के फट्टे लगाए गए। उन पर आलू के बोरे लादते गए। आलू का अचानक दबाव पड़ने से स्टोरेज के बीच वाला पिलर तिरछा हो गया। जब तक कोई समझ पता, तब तक पिलर टूट गया और छत ढह गई। छत टिन शेड और लोहे के एंगल से बनी हुई थी। बड़े-बड़े एंगल, टिन शेड और आलू के ढेर लोगों पर गिर गए। मैं भी बोरियों का धक्का लगने से गिरा, लेकिन गनीमत रही कि मेरे ऊपर कोई पिलर और बोरी नहीं गिरी। मैं उठा और चिल्लाकर बाहर भागा। इसके बाद पीछे मुड़कर देखा तो पूरा कोल्ड स्टोर मलबे में तब्दील हो चुका था। सभी लोग मलबे में दब गए।