मुआवजा पाने के लिए डेथ सर्टिफिकेट मे कोविड से मौत जरूरी नही
भोपाल। कोरोना से मौत पर परिजनों को 50 हजार रुपए का मुआवजा दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस संबंध में कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि मुआवजा पाने के लिए डेथ सर्टिफिकेट में कोविड से मौत जरूरी नहीं है। दस्तावेज प्रमाणित करने के अधिकार कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी को दिए गए हैं। यह कमेटी 30 दिन में निर्णय करेगी। बता दें कि सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक कोरोना से अब तक 10,526 मौंतें हो चुकी हैं। इसके अलावा भी मौतें हुई हैं, लेकिन सर्टिफिकेट में इसका उल्लेख नहीं किया गया। सरकार के निर्देश के मुताबिक हर जिले में कमेटी बनाई जाएगी। इसमें अतिरिक्त जिला कलेक्टर, सीएमएचओ, जिला स्वास्थ्य अधिकारी या मेडिकल कॉलेज प्राचार्य या एचओडी (जिले में मेडिकल कॉलेज होने की स्थिति में) और विषय विशेषज्ञ सदस्य होंगे।
30 दिनों में दी जाएगी अनुग्रह राशि
मृतक के परिजनों को मुआवजे के लिए डेथ सर्टिफिकेट पेश करना होगा। राज्य सरकार यह पैसे स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से देगी। डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी पैसों का वितरण करेगी। दावेदार संबंधित अथॉरिटी के सामने जरूरी दस्तावेज और डेथ सर्टिफिकेट पेश करेगा। दस्तावेज पेश होने के बाद उसे वैरिफाई किया जाएगा। 30 दिनों में अनुग्रह राशि दी जाएगी। यह राशि आधार से लिंक होगी। डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर प्रोसेस से मृतक के परिजनों को राशि मिलेगी। ऐसे प्रकरण, जहां कोई एमसीसीडी यानी डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना का उल्लेख नहीं है या मृतक के वारिस का उल्लेख सर्टिफिकेट में नहीं है, तो जिलास्तर पर गठित जिलास्तरीय कोरोना संक्रमण कमेटी से मृत्यु प्रमाणित करने के लिए समिति के समक्ष आवेदन कर सकेंगे।
ऐसी मौत पर नहीं मिलेगी मुआवजा
जहर, दुर्घटना, आत्महत्या या मर्डर को कोविड से मौत नहीं माना जाएगा। भले ही व्यक्ति उस समय कोविड से संक्रमित हो। ऐसे व्यक्तियों व शासकीय कर्मियों के वारिसों को जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड 19 योद्धा कल्याण योजना, मुख्यमंत्री अनुकंपा नियुक्ति योजना या मुख्यमंत्री कोविड 19 अनुग्रह योजना का लाभ दिया गया है अथवा जो इन योजनाओं में लाभ के लिए पात्र हैं, वह उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत लागू बीमा योजना के तहत शामिल शासकीय कर्मी इसके लिए पात्र नहीं होंगे।
यह अवधि तय हुई
कोविड से मौत के लिए दी जाने वाली राशि के लिए नियत तिथि की गणना कोविड-19 संक्रमण के देश में प्रथम प्रकरण आने की तारीख से होगी। अनुग्रह राशि का प्रावधान कोविड-19 संक्रमण को महामारी के रूप में अधिसूचना रद्द करने अथवा अनुग्रह राशि के संबंध में आगामी आदेश जो भी पहले हो, तक लागू रहेगा। कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राशि स्वीकृत की जाएगी। आवेदन का निराकरण आवेदन पत्र के साथ दिए गए दस्तावेज प्रस्तुत करने की तारीख से 30 दिन में किया जाएगा।
कोरोना से मौत पर मिलेगा 50 हजार
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