कोरोना से अब तक विश्वभर में 30 लाख मौतें

हर मिनट 8 मौतें, हर घंटे 500 और हर दिन 12,000 बन रहे कोरोना का शिकार
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोनावायरस इन्फेक्शन से हुई मौतों ने शनिवार को तीस लाख यानी तीन मिलियन का आंकड़ा पार कर लिया। पिछले हफ्ते दुनियाभर में हर दिन कोरोनावायरस इन्फेक्शन के करीब 7 लाख नए केस सामने आए। औसतन 12 हजार की रोज मौत हुई। यानी हर घंटे 500 और हर मिनट 8 मौतें कोरोना की वजह से हो रही हैं। वास्तविक संख्या अधिक भी हो सकती है, क्योंकि दुनिया के कई देशों में नए केस और मौतों के सही आंकड़े सामने नहीं आ रहे। ब्राजील में रोज तकरीबन 3,000 मौतें हो रही हैं। पिछले हफ्तों में दुनियाभर में हुई मौतों में हर चौथा व्यक्ति ब्राजील का रहा है। दुनियाभर में वैक्सीनेशन कैंपेन के बाद भी भारत और ब्राजील जैसे देशों में कोरोना विकराल रूप लेता जा रहा है। अस्पतालों में बिस्तर खाली नहीं है और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 के अंत में चीन के वुहान से कोरोना शुरू हुआ और शुरुआती 10 लाख मौतें 8.5 महीने में हो गईं। यानी पिछले साल सितंबर महीने में ये आंकड़ा छू गया था। जैसे-जैसे देश लॉकडाउन से बाहर आते गए, मौतें बढ़ती गईं। इस साल 15 जनवरी को ही कुल 20 लाख मौतें दर्ज हो चुकी थीं। और शनिवार को यह आंकड़ा 30 लाख को पार कर गया।
जमैका और आर्मेनिया की आबादी से अधिक मौतें
इन 15 महीनों में कोरोना की वजह से जितने लोगों की जान गई है, वह तो जमैका या आर्मेनिया की आबादी से भी अधिक है। 1980 से 1988 तक चले इरान-इराक युद्ध में हुई मौतों का तीन गुना है। इजरायल जैसे देशों को कोरोना वैक्सीनेशन का लाभ मिला है, पर दुनिया से महामारी खत्म होने के निशान अब तक तो नहीं दिख रहे। शनिवार को दुनियाभर में 8.29 लाख नए केस सामने आए, जो अब तक का एक दिन का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
अमेरिका में सबसे अधिक मौतें
महामारी को लेकर एक स्टडी में उम्मीद जताई गई थी कि कोरोना से निपटने में अमेरिका ही सबसे अच्छा काम करेगा। पर हुआ इसका उलट। अमेरिका में अब तक 5.66 लाख से ज्यादा मौतें कोरोना की वजह से हो चुकी हैं। इसकी समस्या की जड़ थे प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प, जो शुरुआत में इसे महामारी मानने तक तो तैयार नहीं थे। उन्होंने दुनियाभर में इसे रोकने के लिए किए गए प्रयासों का मजाक तक उड़ाया। हालांकि, बाद में ट्रम्प बोले की लोग घबराएं नहीं, इसलिए उन्होंने इसे ज्यादा महत्व नहीं दिया।
ब्राजील में पिछले हफ्ते में हर चौथी मौत
ब्राजील 3.68 लाख मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ हफ्तों में यहां पीक नहीं आने वाला। यानी मौतें बढ़ती ही जाएंगी। ब्राजील में तकरीबन हर दिन 3,000 से अधिक मौतें कोरोना के कारण हो रही है। दुनियाभर में हो रही चार मौतों में से एक मौत ब्राजील में हो रही है। यहां भी काफी हद तक इसके लिए राजनीतिक नेतृत्व ही जिम्मेदार रहा। अमेरिका में जो ट्रम्प ने किया, वहीं ब्राजील में प्रेसिडेंट जायर बोल्सोनारो ने किया। उन्होंने खतरे की अनदेखी की और लॉकडाउन की अपीलों को लगातार ठुकराया। उनके लिए कोविड-19 महज एक फ्लू है, उससे ज्यादा कुछ नहीं। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की स्टडी के मुताबिक जुलाई तक ब्राजील में 5 लाख से अधिक मौतें हो सकती हैं।
मैक्सिको में 3.30 लाख हो सकती हैं मौतें
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की रिपोर्ट के मुताबिक मैक्सिको हेल्थकेयर सिस्टम पर पैसा खर्च करने को तैयार ही नहीं था। ट्रीटमेंट, टेस्टिंग और महामारी को लेकर नए शोधों पर भी अनदेखी ही करता रहा। मैक्सिको के हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक 12.6 करोड़ की आबादी वाले इस देश में 2.11 लाख मौतें हो चुकी हैं। उसका मानना है कि वास्तविक संख्या 3.30 लाख के करीब हो सकती है।
भारत 1.75 लाख मौतों के साथ चौथे नंबर
भारत भले ही इस लिस्ट में 1.75 लाख मौतों के साथ चौथे नंबर पर हो, पर उसने दूसरे देशों से बेहतर काम किया है। अगर आप इन्फेक्शन केसेस के मुकाबले मौतों का प्रतिशत भारत में देखेंगे तो यह 0.08 प्रतिशत है। वहीं अमेरिका में 0.6 प्रतिशत यानी करीब आठ गुना ज्यादा। इसकी बड़ी वजह सख्त लॉकडाउन। युवा आबादी भी एक बड़ा कारण है, जिसने बड़ी संख्या में कोरोना को मात दी है।

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