कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़े-बड़े दावों से बाजार बनाने में जुटीं दवा कंपनियां
नई दिल्ली । कोरोना वायरस से परेशान पूरी दुनिया को अब इस महामारी पर लगाम लगाने वाले एक सफल टीके का बेसब्री से इंतजार है। ऐसे में टीका तैयार करने के अंतिम चरण में पहुंच चुकी कई नामी कंपनियां अपनी दवा 90 से 95 फीसदी तक असरदार होने का दावा कर रही हैं। हालांकि अभी तक ऐसी कोई स्वतंत्र रिसर्च सामने नहीं आई है जिसमें यह कहा गया हो कि कोरोना की वैक्सीन 50 फीसदी से ज्यादा कारगर होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कह चुका है कि केवल टीके के भरोसे हम कोरोना से जंग नहीं लड़ सकते।कंपनियों के दावे धरातल पर कितने सही साबित होंगे, ये तो वक्त ही बताएगा मगर दावों की बदौलत इनके शेयर रातोंरात चढ़ गए। कोरोना की वैक्सीन का दावा करने के बाद फाइजर का शेयर एक साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया। वहीं, हेस्टर बायोसाइंसेज के शेयर तीस दिन में 35 फीसदी चढ़ चुके हैं। बाजार में वैक्सीन आने के बाद भी इसकी सफलता को लेकर संशय बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसी क्रेडिट सुईस की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनियां देश की जरूरत के लायक वैक्सीन डोज बनाने में सक्षम हैं। लेकिन, इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण वैक्सीन आने के बाद एक साल में टीकाकरण अभियान एक तिहाई ही हो पाएगा। देश की अधिकतर आबादी को टीका लगाने के लिए भारत को 170 करोड़ डोज की जरूरत होगी। भारतीय कंपनियां 240 करोड़ डोज बना सकती हैं। रॉयल सोसायटी के शोधकर्ताओं ने चेताया है कि हमें तार्किक और व्यावहारिक होने की ज़रूरत है। टीका असल में कितना कारगर होगा यह उसके बाजार में आने के बाद ही पता लगेगा। इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों ने टीके की सफलता को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, कई बार टीका आने के बावजूद हमें विफलता हाथ लगती है। डब्ल्यूएचओ ने आशंका जताई है कि वैक्सीन आने के बाद भी वो इस महामारी को अपने आप रोकने में कामयाब नहीं हो सकेगी। संगठन प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रियेसिस के अनुसार, वैक्सीन आने के बाद वो हमारे पास मौजूद अन्य माध्यमों को मजबूत तो करेगी लेकिन उन्हें बदल नहीं सकती। ट्रेडोस ने कहा कि एक वैक्सीन सिर्फ अपने दम पर महामारी को रोक नहीं सकती। दवा कंपनियों के वैक्सीन लगभग तैयार कर लेने की घोषणा का असर इनके शेयरों के दाम पर दिखा है। कोरोना की वैक्सीन का दावा करने के बाद फाइजर का शेयर 19 फीसदी से ज्यादा उछला था। यह एक साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह शेयर मार्च से अब तक 63 फीसदी बढ़ गया है। वहीं, हेस्टर बायोसाइंसेज के शेयरों में 20 फीसदी का अपर सर्किट लगाना पड़ा।अहमदाबाद की इस दवा कंपनी के शेयर एक माह में 35 फीसदी चढ़ चुके हैं।