भोपाल। कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था और रोजगार पर गहरी चोट की है। जिस कंपनी में पहले पांच सौ व्यक्ति काम करते थे, वहां दो-ढाई सौ ही रह गए। बेरोजगारी बढ़ी है। सरकार ने मृत्यु के आंकड़े छुपाए। अस्पतालों में आक्सीजन और दवाओं की कमी का सामना सबने किया। जब हम कोरोना संकट की बात करते थे तो विपक्ष इसे डरोना बताता था। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने समाजवादी नेता रघु ठाकुर की पुस्तक कोरोना काल के विमोचन अवसर पर भोपाल के राज्य संग्रहालय में रविवार को कही। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि शुरुआत में सरकार ने कोरोना संक्रमण की गंभीरता को नहीं समझा। कमलनाथ ने कहा कि जनवरी 2020 में हमने कोरोना संकट को लेकर कलेक्टरों के साथ बैठक शुरू कर दी थी। मार्च में जब यह बढऩे लगा तो इसकी गंभीरता को बताया पर तब भाजपा के नेता इसे कोरोना नहीं बल्कि हमारा डरोना बताते थे। इसके बाद जो स्थिति बनी वो सबने देखी है। दूसरी लहर में सरकार ने मृत्यु संबंधी आंकड़े छुपाए। कोरोना का अर्थव्यवस्था, कृषि और रोजगार पर प्रभाव पड़ा है। वहीं, दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोरोना क्या है यह किसी को नहीं पता था और न ही कोई इलाज था पर अस्पतालों में लाखों रुपये के बिल बने। सरकार ने कोरोना काल की गंभीरता को नहीं समझा। जबकि, राहुल गांधी ने पहले ही चेताया था। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि उनके और कमल नाथ के बार में यह प्रचार किया जाता है कि दोनों के बीच अनबन है पर हमारा साथ 40 साल का है। यह साथ आगे भी यूं ही बना रहेगा। हमें कोई अलग नहीं कर सकता है।
कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था और रोजगार पर गहरी चोट की, सरकार ने छुपाए आंकड़े: कमल नाथ
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