कोरोना के नाम पर ग्राम पंचायतों से छलावा

कोरोना के नाम पर ग्राम पंचायतों से छलावा
शहडोल । आज चहुं ओर कोरोना संक्रमण की ही चर्चा है। सरकार द्वारा इसकी रोकथाम के लिए अनेकों जतन किए जा रहे हैं और राशि आवंटित  करने की बात की जा रही है। लेकिन दूसरी ओर विकास की पहली इकाई ग्राम पंचायत का कहना है कि सरकार ने कोरोना से बचाव के नाम पर सिर्फ 170 मास्क और डेढ़ लीटर प्रक्षालक (सेनेटाइजर) दिया है इससे इतर प्रवासी मजदूरों आदि के खाते में 1-1 हजार रुपए की सहायता राशि भी अधिकांश हितग्राहियों तक नही पहुंचे हैं या दिया ही नही गया ये जांच का विषय है। बंगवार के स्थानीय पत्रकार मुरलीधर त्रिपाठी ने बताया कि उक्त जानकारी सोहागपुर जनपद के बेम्हौरी पंचायत से प्राप्त आरटीआई से मिली है। जब उन्होनें आसपास की कुछ अन्य ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों से भी इस संबंध में पूछा तो उन्होनें भी यही हाल बताया।
यह पूछा गया था आरटीआई में
कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने बेम्हौरी पंचायत को कितनी राशि दी है। उत्तर- कोरोना वायरस के रोकथाम केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा व्यय हेतु कोई राशि नहीं दी गई है। कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए बेम्हौरी पंचायत अंतर्गत कब? कहा? और कितनी? राशि खर्च की गई है, या खर्च करने की योजना है? उत्तर- कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु ग्राम पंचायत द्वारा कोई भी राशि अभी तक व्यय नहीं किया गया है, क्योंकि उक्त महामारी के रोकथाम हेतु जनपद कार्यालय से 170 नग मास्क और डेढ़ लीटर सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया था उसी को ग्रामीणों को बांट दिया गाय था। बेम्हौरी पंचायत अंतर्गत कितने प्रवासी मजदूर, पर्यटक और छात्र लाॅकडाउन 1, 2, 3, 4 के दौरान घर वापस आएं? और इनमें से कितनो के बैंक खाते में 1,000 रुपए की तय सहायता राशि दे दी गई है? और जो प्रवासी जन, बेम्हौरी पंचायत क्षेत्र के शासकीय भवनों में आइशोलेट थें उनके भोजन और राशन आदि जैसी सुविधाओं के लिए पंचायत की तरफ से कितनी राशि खर्च की गई? उत्तर- बेम्हौरी पंचायत क्षेत्र के जो भी छात्र-छात्राएं एवं प्रवासी मजदूर बाहर थें (जिनकी सूचना उनके परिजनों द्वारा पंचायत में दी गई थी) उनकी सूची बना के शीर्ष कार्यालय तक भेजी गई थी लेकिन उसके बाद से कोई सूचना नहीं कि प्रवासियों के बैक खाते में राशि जमा हुई या नही। और जो प्रवासी लौटकर आए थें वे सब अपने खर्च पर ही अलग निजी घरों पर और शासकीय भवनों पर रुके थें, उन्हें खर्च के लिए पंचायत ने कोई राशि नहीं दी।
जिले में करीब 391 ग्राम पंचायतें
जानकारी में बताया गया था कि जिले में करीब 391 ग्राम पंचायतें हैं, जिनकों 30 हजार रुपए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए खर्च करने की अनुमति दी गई थी। इस तरह लगभग कुल 1 करोड़ 17 लाख 30 हजार रुपए की राशि ग्राम पंचायतों द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए खर्च की जानी थी लेकिन किन पंचायतों ने यह राशि खर्च की? किस पंचायत ने उक्त जरूरी खर्च का सही उपयोग करने में लापरवाही दिखाई? यह सब जांच का विषय है।
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