कोरोना की दूसरी लहर के लिये मोदी सरकार जिम्मेदार

कोरोना की दूसरी लहर के लिये मोदी सरकार जिम्मेदार
कांग्रेस वर्किग कमेटी की बैठक मे केन्द्र पर गंभीर आरोप का प्रसताव पारित
नई दिल्ली। कांग्रेस वॄकग कमेटी हुई बैठक में कोरोना वायरस की दूसरी लहर पर चर्चा की गई। यह बैठक हाल में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर बुलाई गई थी। बैठक के बाद पारित प्रस्ताव में ने कोविड -१९ महामारी की दूसरी लहर को मोदी सरकार की उदासीनता, असंवेदनशीलता और अक्षमता का प्रत्यक्ष परिणाम बताया। सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव में कहा यह वैज्ञानिक सलाह की केंद्र सरकार की इच्छाशक्ति की अवहेलना, महामारी पर जीत की इसकी समयपूर्व घोषणा (जो कि सिर्फ पहली लहर थी) और चेतावनी के बावजूद पहले योजना बनाने में असमर्थता का प्रत्यक्ष परिणाम है। चेतावनी सिर्फ हेल्थ एक्सपर्ट ने ही नहीं, बल्कि संसद की स्थायी कमेटी ने दी थी। प्रस्ताव में कहा गया है कि पीएम को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। कोरोना पर पारित प्रस्ताव में देश में वैक्सीन सप्लाई को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि मोदी सरकार कठिन तथ्यों से इनकार करती रही। यह भी कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले महीने पीएम मोदी को एक पत्र में टीके की सप्लाई और ज्यादा लोगों को टीका लगाने के तरीके सुझाए थे, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा अशोभनीय तरीके से जवाब दिया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कोरोना के कारण स्थगित
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जून में प्रस्तावित चुनाव को कोरोना की गंभीर स्थिति के मद्देनजर स्थगित किया गया है।सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि कोरोना से जुड़े हालात में सुधार होने तक चुनाव स्थगित रहे। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईसी) की ओर से तैयार चुनाव कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन बाद में फैसला किया गया कि मौजूदा स्थिति में चुनाव कराना उचित नहीं है। इस चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, जून के आखिर में कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कराया जाना था। उल्लेखनीय है कि साल २०१९ के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेकर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *