कोरोना का साईड इफेक्ट: लोगों मे बढ़ रही एंग्जायटी और ब्लडप्रेशर की समस्या
सकारात्मक सोच से दूर होगा अवसाद
डाक्टरों का मत, इलाज के सांथ व्यायाम अध्यात्म का भी ले सहारा
उमरिया। कोरोना महामारी की दूसरी लहर पहली लहर से कई गुना खतरनाक है। इसने बीते करीब दो महीनो मे जिस तरह से तांडव मचाया है, उसकी कल्पना शायद ही किसी ने की होगी। इस दौरान हर किसी ने या तो इस भयंकर बीमारी का सामना किया है, या उसे अपनो को खोना पड़ा है। आये दिन परिजनो, परिचितों और मशहूर हस्तियों की मौत, सोशल मीडिया पर अस्पतालों, श्मसानो के मंजर की तस्वीरें सभी को बेचैन कर रही हैं। लॉकडाउन से रोजगार ठप्प हो गया है। शादी-विवाह से लेकर रिश्तेदारी और बच्चों की पढ़ाई तक सब कुछ थम सा गया है। ये हालात कब तक रहेंगे और स्थितियां सामान्य होने मे कितना वक्त लगेगा, यह सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है, और यही बेचैनी लोगों मे अवसाद का कारण बन रही है।
बीपी के मामलो मे आई तेजी
एक सर्वे के मुताबिक कोरोना के कारण अनिश्चितता के भंवर में फंसे लोगों के दिलोदिमाग पर बुरा असर पड़ रहा है। इंटरनेट मीडिया पर चल रही नकारात्मक खबरें और अपनो के साथ हुई अनहोनी से एंग्जायटी यानि घबराहट) और ब्लडप्रेशर यानि रक्तचाप (बीपी) के मरीज 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गए है। बड़े शहरों मे कई डाक्टर तो प्रतिदिन 500 से ज्यादा लोगों की काउंसिङ्क्षलग कर रहे हैं।
बीपी, आक्सीमीटर की खपत बढ़ी
मेडिकल कारोबार से जुडें सूत्रों का दावा है कि बीते एक महीने के दरम्यिान उमरिया जिले मे बीपी, ऑक्सीजन और थर्मामीटर यंत्रों की खपत कई गुना बढ़ी है। लोग रोजाना अनेकों बार अपना बीपी, ऑक्सीजन और बुखार नाप रहे हैं। दरअसल कोरोना की खबरों और अपनो के गुजरने की खबरें सुन सुन कर परिवारों मे यह स्थिति निर्मित हुई है। डाक्टरों ने बताया कि इन दिनो हजारों लोग इस दौर से गुजर रहे हैं।
वहम से गुजर रहे लोग
कोरोना संक्रमण मे आई तेजी के सांथ ही लोग बड़े पैमाने पर वहम के शिकार हो रहे हैं। कई लोग तो जरा सी शंका होते ही खुद ही, बिना किसी से पूछे ही कोरोना का डोज शुरू कर देते हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, लेकिन घबराहट बनी हुई है। चिकित्सा विज्ञान के जानकारों के मुताबिक 90 प्रतिशत लोगों मे एंग्जायटी घर कर गई है।
जीवन बचाना, पहला लक्ष्य: डा. प्रजापति
जिले के जाने माने चिकित्सक डा. बीके प्रजापति का कहना है कि कोरोना एक संक्रामक बीमारी है। यदि समय पर इसकी जांच और इलाज शुरू कर दिया जाय, तो इससे आसानी से छुटकारा मिल सकता है। आज सबसे पहला लक्ष्य अपने व परिवार की जीवन रक्षा है। मास्क, सोशल डिस्टेन्सिंग, भीड-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज हमे कोरोना से दूर रखने मे मदद करता है। डा. प्रजापति मानते हैं, कि यह समय देश व समाज के लिये चुनौतियों वाला है, लेकिन हर बुरे वक्त की तरह यह भी गुजर जायेगा, ऐसी मानसिकता और सकारात्मक सोच सभी को रखनी चाहिये। उन्होने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्कता और त्वरित इलाज के सांथ व्यायाम और अध्यात्म का भी सहारा लें। इससे मानसिक बीमारियां दूर रहेंगी सांथ ही शरीर को नई ऊर्जा और स्फूर्ति प्राप्त होगी।
कोरोना का साईड इफेक्ट: लोगों मे बढ़ रही एंग्जायटी और ब्लडप्रेशर की समस्या
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