कोरोनाकाल में शीर्ष 10 रईसों की दौलत में हुआ भारी इजाफा

25 वर्ष तक फ्री पढ़ सकता है देश का हर बच्चा
नई दिल्ली। कोरोनाकाल में महामारी के चलते जहां गरीब दो जून की रोटी के लिए परेशान रहे, वहीं रईसों की दौलत में बेहिसाब इजाफा हुआ। संकट के इस दौर में भारतीय अरबपतियों की दौलत में दोगुना इजाफा हुआ है। इस दौरान अमीरों की संख्या भी 39 फीसदी बढ़कर 142 पहुंच गई। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम-2022 के पहले दिन ऑक्सफैम इंडिया की ओर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 10 सबसे अमीर लोगों की दौलत में इतना इजाफा हुआ है कि वे 25 वर्षों तक देश के सभी स्कूल और कॉलेजों को फंड कर सकते हैं। यानी देश का हर बच्चा 25 साल तक फ्री में पढ़ाई कर सकेगा। वार्षिक असमानता सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 142 अरबपतियों के पास कुल 719 अरब डॉलर (53 लाख करोड़ रुपए) की संपत्ति है। 98 सबसे अमीर लोगों के पास 657 अरब डॉलर (49 लाख करोड़ रुपये) की दौलत है, जो 55.5 करोड़ गरीबों की कमाई के बराबर है। महामारी के कारण असमानता इतनी बढ़ गई है कि 10 सबसे अमीर लोगों के पास देश की 45 फीसदी दौलत है। वहीं, 50 फीसदी गरीब आबादी के पास महज 6 फीसदी संपत्ति है। इसके अलावा, देश के 98 सबसे अमीर परिवारों की कुल दौलत भारत सरकार के कुल बजट का करीब 41 फीसदी है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर भारत के टॉप-100 अरबपतियों की दौलत मिला दी जाए तो इससे नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन को पूरा किया जा सकता है। महिलाओं के लिए 365 वर्षों तक सेल्फ हेल्प ग्रुप का गठन किया जा सकता है। 98 सबसे अमीर लोगों पर केवल चार फीसदी वेल्थ टैक्स लगाने पर हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री को अगले दो वर्षों तक फंड मिल सकता है। करोड़पतियों और अरबपतियों पर अगर वेल्थ टैक्स लगाया जाए तो 78.3 अरब डॉलर जुटाया जा सकता है। इस पैसे से सरकार का हेल्थ बजट 271 फीसदी बढ़ सकता है। महामारी में महिलाओं की स्थिति बिगड़ी है। इस दौरान 28 फीसदी महिलाओं को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा। उनकी कुल कमाई दो तिहाई घट गई है। महिलाओं की स्थिति को लेकर कहा गया कि सरकार मिनिस्ट्री ऑफ वीमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट पर सिर्फ उतना ही खर्च करती है, जो देश के 10 सबसे कम संपत्ति वाले अरबपतियों की कुल संपत्ति का आधा भी नहीं है।

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