कोयला उद्योग को तबाह करने पर तुली मोदी सरकार
पीएम के शपथग्रहण की वर्षगांठ पर 26 को एटक मनायेगी काला दिवस
उमरिया। श्रमिक संगठन एटक ने केन्द्र की मोदी सरकार पर कोयला उद्योग को निजी हाथों मे सौंपने का षडय़ंत्र रचने तथा श्रमिकहितों के सांथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए आगामी 26 मई को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है। जोहिला क्षेत्र के एरिया अध्यक्ष रमेश सिंह ने उक्ताशय की जानकारी देते हुए बताया कि इस मौके पर एटक यूनियन के पदाधिकारी और मजदूर काला फीता लगा कर अपना विरोध दर्ज करायेंगे। श्री सिंह ने बताया कि 26 मई 2014 को एनडीए के नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी और उसी के सांथ जनता के बुरे दिन शुरू हो गये थे। आज भारत के किसान, मजदूर, नौजवान, छात्र, महिलाओं सहित हर वर्ग बेहाल है। मोदी सरकार ने मजदूरों के 44 श्रम कानूनों को खत्म कर 4 लेबर कोड पारित किया है। श्रमिकों के अधिकार लगातार खत्म किए जा रहे हैं। सरकारी उपक्रमों को कौडिय़ों के दाम पूंजीपतियों को बेचा जा रहा है। इससे आने वाले दिनो मे बेरोजगारी और अपराध बढ़ेंगे, परंतु इस ओर सरकार का ध्यान नहीं है।
जबरन रिटायर करने की योजना
एटक का आरोप है कि भाजपा सरकार कर्मचारियों को 35 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की आयु के बाद जबरन रिटायर करने की योजना ला रही है। वहीं रात्रि पाली मे महिलाओं को ड्यूटी करने का कानून पास कर दिया गया। इसके सांथ ही कोल इंडिया को कई हिस्सों मे बांटने की योजना पर काम चल रहा है। 11वे वेतन समझौते के लिए जेबीसीसीआई ग्रुप का गठन करने के लिए पत्र तो जारी कर दिया गया पर अभी तक कमेटी का गठन नहीं हुआ है। ठेका मजदूरों का शोषण किसी से छुपा नहीं है। उन्हे कोल इंडिया की हाई पावर कमेटी द्वारा निर्धारित बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा सीएमपीएफ को ईपीएफ मे विलय करने की भी योजना है।
नहीं मिलेगी जमीन के बदले नौकरी
श्रमिक संगठन एटक के पदाधिकारियों ने बताया कि मोदी सरकार कोरोना महामारी की आड़ मे पूंजीपतियों के इशारे पर किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले रोजगार नहीं देने जैसी अनेक किसान, मजदूर व उद्योग विरोधी नीतियां बना रही है। इन्ही जनविरोधी नीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था रसातल मे चली गई है। किसान कृषि कानून के खिलाफ सड़कों पर हैं, रोजगार खत्म हो गए हैं और महंगाई चरम पर पहुंच गई है।
कोरोना से मौत पर मिले एक करोड़ मुआवजा
कोविड महामारी के समय मे भी कोल इंडिया के कर्मचारी अपनी जान जोखिम मे डाल कर पूरी तत्परता से कोयला उत्पादन मे जुटे हुए हैं, परंतु उन्हे कोई अतिरिक्त लाभ नहीं दिया जा रहा है। संगठन ने मांग की है कि कोरोना से मृत्यु होने पर श्रमिक एवं ठेका मजदूरों को दिल्ली सरकार की तरह एक करोड़ रुपए अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा।
विरोध दिवस को सफल बनायें
इन्ही सब मुद्दों को लेकर आगामी 26 मई को एटक यूनियन एसईसीएल जोहिला क्षेत्र सहित पूरे देश मे काला दिवस मनायेगी। एटक के एरिया अध्यक्ष रमेश सिंह ने समस्त कालरी कामगार साथियों से आपसी मतभेद भुला कर विरोध दिवस को सफल बनाने की अपील की है।