कहा-हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए जारी रहेगी लड़ाई
नई दिल्ली। शुक्रवार को लोकसभा सदस्यता छिनने के बाद शनिवार को राहुल गांधी पूर्व सांसद के तौर पर मीडिया के सामने आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला किया। उन्होंने कारोबारी गौतम अडानी-पीएम मोदी रिश्ते का जिक्र कर कहा, मुझे इसलिए डिस्क्वालिफाई किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री मेरी स्पीच से डरते हैं। वह मेरे अगले भाषण से डर रह थे, जो अडानी पर होने वाला था। मैंने यह उनकी आंखों में देखा था, वह मेरे अगले भाषण से घबराए हुए थे। वह नहीं चाहते थे कि संसद में मेरा अगला भाषण हो। उन्होंने कहा कि मैंने कई बार बोला है, कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है। इस लेकर हर रोज नए उदाहरण मिलते हैं। सवाल मैंने एक ही पूछा था कि अडानी जी की शेल कंपनी हैं, उसमें 20 हजार करोड़ रुपये किसी ने निवेश किया। अडानी जी का पैसा नहीं है। उनका इन्फ्रास्ट्रक्चर बिजनस है, पैसा किसी और का है। सवाल है कि ये 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं? इसमें एक चाइनीज शामिल है, कोई सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है? मैंने संसद में प्रूफ देकर अडानी जी और मोदी जी के रिश्ते के बारे में बोला, जो मीडिया रिपोर्ट से मैंने निकाला था। इसके बाद राहुल ने लंदन में दिए अपने बयान पर हुए विवाद को लेकर भाजपा पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने झूठ बोला कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी, यह बिल्कुल गलत और झूठ बात है। उन्होंने कहा कि यह पूरा ड्रामा पीएम मोदी जी को बचाने के लिए रचा गया है। उन्होंने कहा कि ये लोग अभी नहीं समझे हैं, मैं जेल जाने से नहीं डरूंगा। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी और अडानी जी का रिश्ता नया नहीं, पुराना है। जब नरेंद्र मोदी जी गुजरात के सीएम बने थे, तब से रिश्ता है। हवाई जहाज की मैंने फोटो दिखाई। नरेंद्र मोदी जी अपने मित्र के साथ बड़े आराम से बैठे हुए थे। मैंने संसद में फोटो दिखाया। राहुल ने कहा कि फिर मेरी स्पीच को बाहर कर दिया गया। मैंने स्पीकर को डीटेल चिट्ठी लिखी। मैंने कहा कि रूल बदलकर एयरपोर्ट अडानी जी को दिए गए लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। मेरे बारे में मंत्रियों ने संसद में झूठ बोला। उन्होंने कहा कि मैंने विदेशी ताकतों से मदद मांगी थी, जबकि मैंने ऐसी कोई बात नहीं की। मैंने स्पीकर से कहा कि सर, संसद का नियम है कि अगर किसी मेंबर पर आरोप लगता है, तब सदस्य को जवाब देने का हक होता है। मैंने एक चिट्ठी लिखी उसका जवाब नहीं आया, दूसरी चिट्ठी लिखी उसका जवाब नहीं आया। स्पीकर के कमरे में गया और कहा कि सर कानून है, मुझे बोलने क्यों नहीं दे रहे हैं। स्पीकर सर ने मुस्कुराकर कहा कि मैं नहीं कर सकता। कांग्रेस के पूर्व सांसद ने कहा कि उसके बाद क्या हुआ, आप सबने देखा। सवाल पूछना मैं बंद नहीं करूंगा।
राहुल ने कहा कि मोदी जी का अडानी के साथ क्या रिश्ता है और 20 हजार करोड़ रुपये किसके हैं, मैं पूछता रहूंगा। मुझे कोई डर नहीं लगता इन लोगों से। और अगर ये सोचें कि मुझे अयोग्य घोषित करके, डरा-धमकाकर, जेल में बंद करके मुझे रोक सकते हैं। नहीं… मेरी वहां हिस्ट्री नहीं है। मैं हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ता रहूंगा। वायनाड से पूर्व सांसद ने कहा कि किसी चीज से नहीं डरता, ये सच्चाई है।
ओबीसी के अपमान पर राहुल की दो टूक
ओबीसी का अपमान करने के भाजपा के आरोपों पर राहुल गांधी ने कहा कि मैं भारत जोड़ो यात्रा में हजारों किमी चला, मैंने सभी को जोड़ने की बात कही। भाजपा ओबीसी मुद्दा उछालकर मामले को डायवर्ट करने की कोशिश कर रही है। वहीं सदस्यता छिनने के बाद राहुल के साथ प्रेसवार्ता के दौरान भूपेश बघेल और अशोक गहलोत भी मंच पर मौजूद रहे। इस भाजपा के ओबीसी अपमान के आरोप का जवाब देने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।एक रिपोर्टर ने राहुल से पूछा कि संसद में आपसे बीजेपी के नेता माफी मांगने के लिए बोल रहे थे, तब आपने माफी क्यों नहीं मांगी। आप इस बारे में क्या सोचते हैं। इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने जवाब दिया कि राहुल गांधी सोचता है कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगते हैं।