महीनो से जले पड़े सैकड़ों ट्रांसफार्मर, दफ्तरों के चक्कर लगा रहे किसान
बांधवभूमि, उमरिया
खरीफ के बाद किसानो को अब रबी के सीजन मे भी ट्रांसफार्मरों की समस्या से जूझना पड़ रहा है। यह समय फसलों की बोनी का है। बताया जाता है कि कई स्थानो पर बोनी की जा चुकी है, जबकि कुछ जगहों पर यह काम अभी भी चल रहा है। जहां बोनी हो गई है, वहां खेतों को तत्काल पानी की जरूरत है, परंतु बिजली के आभाव मे यह संभव नहीं हो पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जिले की हर तहसील मे दर्जनो की संख्या मे विद्युत ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। इनमे से अनेक तो साल-साल भर से बंद हैं। इस संबंध मे प्रशासन से लेकर मण्डल के अधिकारियों के समक्ष बार-बार गुहार लगाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। गौरतलब है कि किसानो ने अपनी जमा पूंजी के आलावा कर्ज लेकर हजारों रूपये बीज, खाद और मजदूरी पर खर्च कर दिया है। यदि समय पर ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये और सिचाई शुरू नहीं हुई तो उनके सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो जायेगी।
सड़ा-गला साजो-सामान
विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार जिले मे विद्युत उपकरणो की पहले से ही भारी कमी है। वहीं तार, केबल इंसूलेटर आदि अधिकांश साजो-सामान वर्षो पुराना होने से सड़-गल कर खराब हो चुका है, उसी पर सारी सप्लाई का भार है। दूसरी ओर इस दरम्यिान हजारों की संख्या मे नये कनेक्शन हुए हैं, जबकि उपकरणो की क्षमता जस की तस है। यहीं कारण है कि लाईनो मे आये दिन खराब आ रही है और लोड न सह पाने के कारण ट्रांसफार्मर जल कर खराब हो रहे हैं। ट्रांसफार्मरों के जलने की रफ्तार इतनी तेज है कि केन्द्रीय स्टोर से जब तक कुछ ट्रांसफार्मर हांसिल होते है तब तक कई धुआं छोड़ देते हैं।
गुणवत्ताविहीन मरम्मत
वहीं उपकरणो की मरम्मत मे हो रही धांधली करेले पर नीम चढऩे की कहावत को चरितार्थ कर रही है। बताया गया है कि जिले के ट्रांसफार्मरों की रिपेयङ्क्षगर के काम मे रसूखदारों का सीधा हस्ताक्षेप है। सब को पंजीरी बांटने और मुनाफा कमाने के चक्कर मे ठेकेदार द्वारा बाईण्डिंग इत्यादि के काम मे बेहद सस्ता और घटिया सामान का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि महीनो की मशक्कत के बाद ट्रांसफार्मर लगा कर अमले के आफिस पहुंचने के पहले ही उसके जलने की खबर आ जाती है।
दूसरों की गलती का दण्ड
मंडल के अधिकारियों का कहना है कि कई स्थानो पर बिजली का बकाया जमा न करने के कारण ट्रांसफार्मर नहीं बदले जा रहे हैं। उन्होने बताया कि शासन का आदेश है कि जब तक किसान और ग्रामीण लंबित देयकों का भुगतान नहीं करते, इन गावों के ट्रांसफार्मर न बदले जांय। ऐसे ही गांव मे पहुंचे बांधवभूमि के संवाददाता को ग्रामीणो ने बताया है कि उनके यहां के कई लोगों ने बकाया बिजली के बिलों का भुगतान कर दिया है, जबकि कुछ ग्रामीण पैसा नहीं जमा कर रहे हैं। उनकी गलती का दण्ड गांव के सभी किसानो को भुगतना पड़ रहा है।
कैसे होगी फसलों की सिचाई
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