कैसे मने मजदूरों की दीवाली
दिल्ली-भोपाल के झमेले मे फंसा मनरेगा का भुगतान, करोड़ों रूपये लंबित
उमरिया। जिले मे मनरेगा के तहत मजदूरी मे लगे हजारों श्रमिक महीनो से भुगतान के लिये परेशान हैं। पैसा न मिलने से उनके परिवारों के सामने जीवन-यापन का संकट खड़ा हो गया है। इस समस्या को लेकर जिला पंचायत से लेकर जनपद स्तर तक खलबली मची हुई है। मजदूरों के दबाव को देखते हुए अधिकारी भोपाल स्तर पर कवायद मे जुटे हुए हैं परंतु अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। सूत्रों का कहना है कि जिले से सारी प्रक्रियायें पूर्ण कर डाटा समय पर भेजा जा चुका है लेकिन दिल्ली और भोपाल स्तर पर पोर्टल मे चल रहे सुधार कार्य के कारण भुगतान नहीं हो सका है। वहीं दीपावली सामने है, यदि आज कल मे पैसा नहीं आया तो मजदूरों का त्यौहार भी नीरस हो कर रह जायेगा।
सप्लायर भी परेशान
जानकारी के अनुसार जिले के तीनो ब्लाकों मे मजदूरी और सामग्री का कराड़ों रूपये का भुगतान बकाया है। जिस वजह से मजदूरों के अलावा वे दुकानदार और सप्लायर भी परेशान हैं, जिन्होने पंचायतों के कहने पर माल प्रदाय किया है। बताया जाता है कि केवल मानपुर जनपद मे ही मजदूरों की 2 करोड़ रूपये से ज्यादा की राशि बकाया हैं। इसी तरह करकेली मे 3 करोड़ और पाली मे 1.5 करोड़ रूपये मजदूरी रूकी हुई है। इतना ही भुगतान सामग्री का भी फंसा हुआ है।
पहले एससी, एसटी का नंबर
यह भी बात सामने आई है कि दिल्ली लेवल पर पोर्टल मे मजदूरों की जातिगत कैटेगरी बना दी गई है। जिससे सबसे पहले एसएसी, एसटी वर्ग के मजदूरों को मजदूरी का भुगतान हो रहा है। उसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अंत मे सामान्य वर्ग के श्रमिकों का नंबर लग रहा है। यह स्थिति महीनो से बनी हुई है।
केन्द्र जारी नहीं कर रहा राशि
विभागीय सूत्रों के मुताबिक मनरेगा योजना मे अब सारा कार्य कम्यूटरीकृत पद्धति से होने लगा है। सांथ ही यदि ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर पर कार्यवाही मे किसी भी प्रकार की लेटलतीफी की गई तो संबंधितों के विरूद्ध जुर्माने का भी प्रावधान है। यही कारण है कि जिला स्तर पर कहीं भी कोई लापरवाही नहीं की जा रही है। भुगतान मे देरी का कारण पोर्टल मे हो रहा अपडेशन तथा केन्द्र सरकार द्वारा राशि जारी करना बताया जा रहा है।