केंद्र-राज्य साथ मिलकर करें काम

सीएम के साथ मीटिंग में पीएम मोदी, कहा-किसानों को थोड़ा गाइड करने की जरूरत

नई दिल्ली। नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है। मैं राज्यों से आग्रह करूंगा कि आजादी के 75 वर्ष के लिए अपने-अपने राज्यों में समाज के सभी लोगों को जोड़कर समितियों का निर्माण हो।
पीएम ने कहा कि हमने कोरोना के दौरान देखा है कि कैसे केंद्र और राज्य सरकारों ने राष्ट्र को सफल बनाने में एक साथ काम किया है। इससे विश्व स्तर पर देश की सकारात्मक छवि बनी है। कई राज्यों ने तेज गति से विकास का काम किया है। केंद्र-राज्य साथ मिलकर काम करें, विकास प्राइम एजेंडा होना चाहिए। मोदी ने कहा कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को और अधिक सार्थक बनाना और यही नहीं हमें प्रयत्न पूर्वक कम्पटेटिव को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को न सिर्फ राज्यों के बीच, बल्कि डिस्ट्रिक्ट लेवल तक ले जाना ही होगा ताकि विकास की स्पर्धा निरंतर चलती रहे। पीएम मोदी ने कहा कि 2014 से, ग्रामीण और शहरी भारत में 2.4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं। एक और पहल चल रही है जिसमें भारत में छह राज्यों में आधुनिक तकनीक से मकान बनाए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें कृषि प्रधान देश कहे जाने के बावजूद भी आज 65,000-70,000 करोड़ का खाद्य तेल हम बाहर से लाते हैं। हम ये बंद कर सकते हैं, हमारे किसानों के खाते में पैसा जा सकता है। इन पैसों का हकदार हमारा किसान है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं उस तरह से बनानी होंगी। हमने पिछले दिनों दालों में प्रयोग किया, उसमें सफलता मिली, दालों को बाहर से लाने में हमारा खर्चा काफी कम हुआ है। कई चीजें आसान से हमारी टेबल पर पहुंचने लगी हैं। ऐसी चीजों के उत्पादन में कोई मुश्किल नहीं है। इसके लिए किसानों को गाइड करने की जरूरत है।’ कुछ महीनों में, नए मॉडल के साथ मजबूत घर बनाए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की इस विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है। सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का सम्मान भी करना है और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है।

कृषि में निवेश पर जोरः पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में कृषि से लेकर, पशुपालन और मत्स्यपालन तक एक होलिस्टिक अप्रोच अपनाई गई है। इसका नतीजा है कि कोरोना संकट के दौर में भी देश के कृषि निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत ने कृषि क्षेत्र में निर्यात में वृद्धि देखी। हमारे पास इस क्षेत्र में बहुत अधिक क्षमता है। पीएम ने कहा कि कृषि उत्पादों के नुकसान को यथासंभव कम करना चाहिए और हमें भंडारण और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। हमें निवेश के सभी स्रोतों को इस क्षेत्र से जोड़ना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट पर जिस तरह की सकारात्मक ​प्रतिक्रिया आई उसने जता दिया कि ‘मूड ऑफ द नेशन’ क्या है। देश मन बना चुका है, देश तेजी से आगे बढ़ना चाहता है, देश अब समय नहीं गंवाना चाहता। देश के मन को बनाने में देश का युवा मन बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की हैं। ये देश में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है, राज्यों को इस स्कीम का पूरा लाभ लेते हुए अपने यहां ज़्यादा से ज़्यादा निवेश आकर्षित करना चाहिए। कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम करने का लाभ भी राज्यों को उठाना चाहिए।

अमरिंदर अस्वस्थ, ममता बैठक में नहीं
नीति आयोग की बैठक में अस्वस्थ होने के कारण पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। उनकी जगह पर पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल भाग ले रहे हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने की बात कही जा रही है। नीति आयोग की बैठक में पहली बार लद्दाख भी हिस्सा लेगा जिसमें केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जम्मू-कश्मीर की भागीदारी भी शामिल है।

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