कृषि विधेयकों का विरोध जारी

नई दिल्ली। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब समेत देश के कई राज्यों में विपक्षी दल और किसान संगठनों ने खेती से जुड़े बिलों का विरोध किया। दिल्ली में प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को इंडिया गेट के पास एक ट्रैक्टर जला दिया। पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता एक ट्रक में रखकर ट्रैक्टर को लाए और फिर नीचे उतारकर उसमें आग लगा दी। इस मामले में पुलिस ने ५ लोगों को हिरासत में लिया है।
दबा दी गई किसानों
की आवाज:राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि नए कृषि बिल किसानों के लिए मौत की सजा जैसे हैं। संसद के अंदर और बाहर किसानों की आवाज दबा दी गई। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रदर्शन तो कई देखे, लेकिन इंडिया गेट पर ट्रैक्टर लाकर उसे जलाने कांग्रेस का ड्रामा है। कांग्रेस बेनकाब हो गई है। किसानों को गुमराह कर वह अपने राजनीतिक एजेंडे को भुना रही है। उसने पूरे देश को शॄमदा शर्मसार किया है।
पूंजीपतियों के हित देखती है भाजपा:अमरिंदर
दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नवांशहर जिले में स्थित शहीद भगत सिंह के गांव खटकड़ कलां में चल रहे किसानों के धरने में शामिल होने पहुंच गए। उनका कहना था कि भाजपा पूंजीपतियों के हित देखती है। सारा खेल जरूरत का है। जब जरू रत होती है तो किसान याद आते हैं, नहीं तो अडाणी-अंबानी ही दिखाई देते हैं। किसानों के हितों को देखते हुए अपने राज्य के कानून में संशोधन समेत सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
लखनऊ मे 1 हजार लोग हिरासत मे
लखनऊ में कांग्रेस और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने के लिए बढ़े। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। करीब १ हजार कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए हैं। तमिलनाडु में भी प्रदर्शन हुए। कांचीपुरम के कीझांबी गांव में डीएमके के अध्यक्ष एम के स्टालिन प्रदर्शन में शामिल हुए। उधर, कर्नाटक में भी किसानों ने सोमवार को बंद रखा। बेंगलुरु और शिवमोगा समेत कई जगहों पर किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया।
पहले ही एनडीए से अलग हो चुका अकाली दल
किसान बिलों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की नेता और मोदी कैबिनेट में फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर रहीं हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था। शनिवार को अकाली दल ने एनडीए से अलग होने का ऐलान भी कर दिया।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ पारित कराएं बिल: वेणुगोपाल
कांग्रेस ने कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों से कहा है कि वे अपने यहां अनुच्छेद २५४(२) के तहतबिल पास करने पर विचार करें जो केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयकों को निष्क्रिय करता हो। वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सलाह दी है कि कांग्रेस शासित राज्यों को अपने यहां केंद्र की ओर से पारित कराए गए कृषि संबंधी कानूनों को निष्क्रिय करने के लिए संविधान के अनुच्छेद २५४(२) का इस्तेमाल करने पर विचार करना चाहिए। संविधान का यह अनुच्छेद राज्य विधानसभाओं को राज्य के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण करने वाले केंद्रीय कानूनों को नकारने के लिए एक कानून पारित करने की अनुमति देता है। वेणुगोपाल ने कहा कि इससे कांग्रेस शासित राज्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और एपीएमसी के विघटन समेत तीन कठोर कृषि कानूनों को दरकिनार कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मोदी सरकार और भाजपा द्वारा किए गए घोर अन्याय से भी निजात मिलेगी।

 

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