कैबिनेट का अहम फैसला, गरीबों को मार्च 2022 तक मिलेगा मुफ्त राशन
नई दिल्ली। कैबिनेट ने आज एक अहम फैसला लेते हुए मार्च 2022 तक गरीबों को मुफ्त राशन प्रदान करने के लिए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने का निर्णय लिया है। कैबिनेट के फैसलों पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज यह जानकारी दी। पांचवें चरण के तहत खाद्यान्न पर 53,344.52 करोड़ रुपये की अनुमानित खाद्य सब्सिडी होगी। इसके अलावा कैबिनेट ने कृषि कानून वापसी का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया है जिसे संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज पीएम के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की औपचारिकताएं पूरी कीं। संसद के आगामी सत्र के दौरान इन तीन कानूनों को वापस लेना हमारी प्राथमिकता होगी।
80 करोड़ लाभार्थियों को 5 किलो मुफ्त अनाज
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना PMGKAY) के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान किया जा रहा है। कोविड 19 महामारी के बीच गरीब लोगों को राहत प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू में अप्रैल 2020 से तीन महीने के लिए शुरू की गई थी, जिसके कारण देशव्यापी तालाबंदी हुई। तब से इसे कई बार बढ़ाया जा चुका है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सामान्य कोटे से अधिक 5 किलो खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। फिलहाल पीएमजीकेएवाई को मार्च 2022 तक चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
53,344 करोड़ रुपये का भार आएगा
अनुराग ठाकुर ने कहा कि इससे राजकोष पर अतिरिक्त 53,344 करोड़ रुपये का भार आएगा, पीएमजीकेएवाई की कुल लागत इस विस्तार सहित लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। पीएमजीकेएवाई को कोविड-19 महामारी के कारण हुए संकट को दूर करने के लिए तीन महीने (अप्रैल-जून 2020) के लिए प्रदान किया गया था। हालांकि, संकट जारी रहने के साथ कार्यक्रम को और पांच महीने (जुलाई-नवंबर 2020) के लिए बढ़ा दिया गया था। बता दें कि 5 नवंबर को खाद्य सचिव का बयान आया था कि 30 नवंबर के बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का विस्तार करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था अब सुधार की ओर बढ़ रही है। ऐसे में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार की कोई योजना नहीं है। दरअसल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा मार्च 2020 में कोरोना के कारण उत्पन्न संकट को दूर करने के लिए की गई थी। शुरू में यह योजना अप्रैल-जून 2020 की अवधि के लिए शुरू की गई थी, लेकिन बाद में इसे 30 नवंबर तक बढ़ा दिया गया था।इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव में बिजली वितरण व्यवसाय के निजीकरण के लिए कंपनी के गठन को मंजूरी दी। नवगठित कंपनी के इक्विटी शेयरों को उच्चतम बोली लगाने वालों को बेचने और कर्मचारियों की देनदारियों को पूरा करने के लिए ट्रस्ट के गठन को मंजूरी दी गई है।
पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लेकर दिखाया बड़ा दिल:मलिक
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विवादित कृषि कानून वापस लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है। मलिक लंबे समय से इन कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे। मलिक ने यह भी कहा कि किसानों की सभी मांगें नहीं मानी गई हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उनकी मूल मांग थी। सरकार को इसे भी मंजूर करना चाहिए और एक कमेटी बनाना चाहिए। यदि सरकार यह कर देगी तो किसान अपना आंदोलन खत्म कर देंगे। राज्यपाल मलिक ने कहा कि पीएम मोदी ने बड़ा दिल दिखाते हुए आगे बढ़ने व हल निकालने के लिए अच्छा फैसला किया है, इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। मलिक ने दोहराया कि उन्हें जिन्होंने राज्यपाल बनाया है, यदि वे संकेत देंगे तो उन्हें पद छोड़ने में एक मिनट भी नहीं लगेगा।