कुत्ते घसीट कर लाये नवजात का शव

कुत्ते घसीट कर लाये नवजात का शव
कालोनीवासियों की शिकायत पर पहुंची पुलिस, डाक्टर ने बताया गर्भपात का मामला
बांधवभूमि, तपस गुप्ता
बिरसिंहपुर पाली। तहसील क्षेत्र अंतर्गत पाली प्रोजेक्ट कालोनी मे गत दिवस एक अविकसित मानव भ्रूण पाये जाने के बाद सनसनी मच गई। बताया गया है कि गली के आवारा कुत्ते इसे जंगल से घसीट कर कालोनी मे ले आये थे। पहले तो कोई समझ ही नहीं पाया कि यह है क्या, पर कुछ लोगों की नजर इस पर पड़ते ही वहां भीड़ लग गई। स्थानीय निवासियों ने तत्काल उसे सुरक्षित किया और पुलिस को मसले की जानकारी दी। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने आकर अविकसित भू्रण को बरामद कर आवश्यक कार्यवाही के उपरांत उसे पीएम हेतु अस्पताल भेजने की व्यवस्था की। बीएमओ डॉक्टर वीके जैन का कहना है कि यह गर्भपात का मामला है। भू्रण के लिंग के संबंध मे भी अभी कोई खुलासा नहीं हुआ है। एसडीओपी डॉ. जितेंद्र सिंह जाट ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पहले भी आ चुके हैं मामले
बिरसिंहपुर पाली और आसपास के क्षेत्रों मे लावारिस नवजात शिशु और अविकसित भ्रूण मिलने के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। गत वर्ष इसी इलाके मे हाईवे के नजदीक एक बच्ची बियावान जंगल मे बिलखते पाई गई गई थी, जिसे वहां से गुजर रहे दंपत्ति द्वारा थाना लाया गया था। इसी तरह कुछ महीने पहले जोहिला नदी स्थित पोंड़ी घाट के समीप एक बच्चा मिला था, जिसका एक हांथ विकसित नहीं हो पाया था। गनीमत यह रही की इन दोनो नवजात बच्चों पर राहगीरों की नजर पड़ गई। यदि थोड़ी भी देर हो जाती तो वे मासूम हिंसक जानवरों का निवाला बन जाते। इन दोनो नवजातों को सुरक्षित बाल कल्याण समिति द्वारा शिशु गृह भेज कर वैधानिक कार्यवाही शुरू की गई।
आसपास सक्रिय हैं झोलाछाप गिरोह
जानकारों का मानना है कि कई बार अनचाहा गर्भ ठहर जाने के कारण सामाजिक बदनामी से बचने के लिये युवतियां और उनके माता-पिता गर्भपात का सहारा लेते हैं। इसी तरह पुत्र की चाह रखने वाले दंपत्ति भी ऐसा ही करते हैं। हलांकि गर्भ मे पल रहे शिशु का लिंग परीक्षण सर्वथा प्रतिबंधित है और कानूनी जुर्म की श्रेणी मे आता है। इसके बावजूद इलाके मे कई ऐसे लोग सक्रिय हैं, जो मजबूरी का फायदा उठाकर नकेवल लिंग परीक्षण कराते हैं, बल्कि गर्भपात भी कराते हैं। इस काम की एवज मे लोगों से मोटी रकम वसूली जाती है।
जान पर बन आता जोखिम
स्वास्थ विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि गर्भपात की प्रक्रिया बेहद जटिल और खतरनाक होती है। इसके लिये विशेषज्ञ बहुत ही सावधानी बरतते हैं। कई बार गर्भ मे शिशुओं का विकसित नहीं होता या कोई बड़ी खराबी आ जाती है। ऐसी स्थिति मे माता के जीवन को सुरक्षित करने के लिये डाक्टर गर्भपात की सलाह देते हैं। वे मनचाही संतान पैदा करने अथवा अन्य कारणों से गर्भपात नहीं कराते लिहाजा ऐसे लोग इस कार्य के लिये नर्सो और झोलाछाप डाक्टरों की मदद लेते हैं।

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