नई दिल्ली । देश भर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को देश में सभी राज्यपाल भवनों के सामने विरोध प्रदर्शन करेगी। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अभी से ही इस प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। 8 जनवरी को सरकार और किसान के बीच वार्ता विफल होने के बाद से कांग्रेस किसी भी स्थिति में इस मुद्दे को नहीं छोड़ना चाहती है। वहीं इससे पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को किसानों के मुद्दे पर पार्टी महासचिवों और प्रभारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में प्रियंका गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में उन्होंने किसान संगठनों और सरकार के बीच हुई आठवें दौर की वार्ता के बेनतीजा रहने के लिए सरकार के अड़ियल रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। बता दें कि किसान और सरकार के बीच लगातार वार्ता हो रही है लेकिन इसके परिणाम नहीं निकल रहे हैं। सरकार किसानों को तारीख पर तारीख दे रही है लेकिन किसानों की मांग से पीछे हटते नजर आ रही है। अब किसान यूनियन और सरकार दोनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे बैठक का निर्णय लिया है। वहीं इस मामले पर केंद्रीय कृषि मंत्री का कहना है कि हमने बार-बार कहा है कि किसान यूनियन अगर कानून वापस लेने के अलावा कोई विकल्प देंगी तो हम बात करने को तैयार हैं। आंदोलन कर रहे लोगों का मानना है कि इन क़ानूनों को वापस लिया जाए। लेकिन देश में बहुत से लोग इन कानूनों के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
युवा कांग्रेस ने चलाया ‘एक मुट्ठी मिट्टी शहीदों के नाम’ अभियान
कांग्रेस की युवा इकाई ने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के सम्मान में शनिवार को ‘एक मुट्ठी मिट्टी शहीदों के नाम’ अभियान शुरू किया। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी के मुताबिक, किसान आंदोलन में 60 से अधिक किसानों की ‘शहादत’ हुई है और उनके सम्मान में यह अभियान आरंभ किया गया है। इसके तहत संगठन के कार्यकर्ता देश के हर जिले से एक मुट्ठी मिट्टी इकट्ठा कर युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यालय को भेंट करेंगे। ‘शहीद’ किसानों के गांव और खेतों से भी मिट्टी लाई जाएगी। श्रीनिवास ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि खुद को गरीब मजदूर, किसान का बेटा बताने वाले प्रधानमंत्री जी अमेरिका के लोकतंत्र की चिंता तो करते हैं, लेकिन उन्हें अपने आवास के महज कुछ किलोमीटर दूर धरने पर बैठे हुए लाखों किसानों की आवाज सुनाई नहीं देती। दरअसल, यह सरकार तानाशाह हो गई है।युवा कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने बताया कि एक मुट्ठी मिट्टी शहीदों के नाम अभियान के द्वारा भारतीय युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को गांव गांव भेजा जाएगा, जहां से वह एक मुट्ठी मिट्टी एकत्रित करेंगे और यह संदेश भी देंगे कि संविधान ने अधिकार दिया है कि किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अहिंसक आंदोलन के लिए स्वतंत्र हैं।उन्होंने कहा कि सरकार मनमाने ढंग से किसी भी व्यक्ति पर उसकी मर्जी के खिलाफ कोई कानून को थोप नहीं सकती। भारतीय युवा कांग्रेस यह मांग करती है कि यथाशीघ्र तीनों तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए।
किसान आंदोलन के समर्थन में 15 जनवरी को देश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी कांग्रेस
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