सीआरएफ ने जवानों से कहा- अपनी बसों पर लोहे का जाल लगा लें
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार को देशभर में चक्का जाम करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चे ने 6 फरवरी को यानी कल 3 घंटे चक्का जाम का ऐलान किया है। चक्का जाम का असर दिल्ली में भी नहीं होगा। हालांकि चक्का जाम के दौरान इमरजेंसी और आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा। दिल्ली-एनसीआर में सीआरएफ की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात सीआरएफ की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर लोहे का जाल लगा लें। उधर, हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया पुलिस की ओर से ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी। इससे लोगों को घर से निकलने से पहले यह पता रहेगा कि उन्हें किस रूट से जाना है।
कीलों की जगह रोप दिए फूलों के पौधे
दिल्ली बॉर्डर पर हर रोज किसान और सरकार के बीच गतिरोध अपने अलग-अलग स्तर पर पहुंच जाता है। बीते दिनों प्रधानमंत्री ने कहा कि वे किसानों से केवल एक कॉल दूर हैं और उसके बाद पुलिस द्वारा गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर कीलें गड़वाई गईं। जिसका चौतरफा विरोध हुआ। इस मसले पर जब सरकार की किरकिरी हुई तो स्थानीय प्रशासन ने जल्द ही वे कीलें भी वहां से हटवा लीं। लेकिन इस कहानी में एक शानदार मोड़ आ गया है। अब किसानों ने उसी जगह पर जहां सरकार ने कील लगवाईं थीं, वहीं पर फूलों के पौधे लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए दो डंपर मिट्टी भी गाजीपुर बॉर्डर पर मंगवा ली गई है। गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के नेता राकेश टिकैत कीलों वाली जगह पर ही पौधे रोपने का काम कर रहे हैं।
खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है: तोमर
राज्यसभा में शुक्रवार सुबह जब किसानों के मुद्दे पर बहस शुरू हुई, तो करीब तीन घंटे तक सांसदों के तल्ख तेवर नजर आए। इस दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने सरकार को जमकर घेरा और जब कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बारी आई तो उन्होंने भी विपक्ष पर तल्ख टिप्पणियां कीं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जब बारी आई तो उनके तेवर भी अलग थे। उन्होंने कहा कि विपक्ष को धन्यवाद कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की। सरकार को कोसने में कंजूसी भी नहीं की और कृषि कानूनों को जोर देकर काला कानून बताया। मैं किसान यूनियन से दो महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है, लेकिन मुझे जवाब नहीं मिला। कृषि मंत्री ने कहा कि अगर सरकार किसी भी संशोधन के लिए तैयार हैं तो इसके ये मायने नहीं लगाना चाहिए कि कृषि कानून में कोई गलती है। कॉन्ट्रैक्ट एक्ट में कोई एक प्रावधान बता दीजिए जो किसान विरोधी हो। एक ही राज्य का मसला है। किसानों को बरगलाया गया है। दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भाजपा ऐसा नहीं कर सकती।
दिग्विजय का पलटवार
तीनों कृषि कानून को लेकर किसानों के आंदोलन में कांग्रेस पार्टी के समर्थन को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, कांग्रेस खून से खेती कर सकती है जिस पर अब राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, भाजपा हमेशा दंगा कराना चाहती है। गोधरा में जो खेती हुई वो खून की खेती थी या पानी की। संघ और भाजपा हमेशा दंगा कराना चाहती है। यह दंगा होगा तभी उन्हें चुनाव में फायदा होगा। यही वजह है कि मोदी और असदुद्दीन के बीच गहरी दोस्ती है। नरेंद्र सिंह तोमर को ‘नेक व्यक्ति’ बताते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, तोमर का कहना है कि उनकी खेती है, लेकिन उन्होंने तोमर के चुनावी दस्तावेज देखे हैं, जिनमें खेती की जमीन वगैरह का कोई जिक्र नहीं है, ऐसे में उन्हें खेती की समझ क्या होगी। दिग्विजय सिंह ने यह बयान कृषि मंत्री के उस उस बयान पर प्रतिक्रिया के तौर पर दिया जिसमें राज्यसभा में नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था, खेती पानी से होती है, लेकिन खून से खेती सिर्फ कांग्रेस कर सकती है भाजपा नहीं है। इस मौके पर कृषि मंत्री ने नये कृषि कानून के फायदे भी गिनाये थे। इस मौके पर रेंद्र सिंह तोमर और दीपेंद्र हुड्डा में तीखी बहस भी हुई।