पीएम का काफिला रूकने के मामले मे बोले पंजाब के सीएम, नही हुई कोई चूक
चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों के हवाले पूरा कार्यक्रम था। हमने किसानों को रात तक रास्ते से हटाया। लेकिन उन्होंने कहा कि जब पीएम मोदी से मिलने दिया जाएगा तभी रास्ता खाली करेंगे। रात दो बजे हमने आईबी के निदेशक से बात की। खराब हालात के बारे में उनकी राय पूछी। सीएम चन्नी ने यह भी कहा कि सुरक्षा को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। पीएम के लिए कोई खतरा नहीं था। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री से मिलना चाहते थे।सीएम चन्नी ने कहा कि रात तीन बजे तक सड़क खाली कराया। अचानक कुछ लोग सड़क पर आ गए। लेकिन पीएम की सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। चूक को तोड़ा-मरोड़ा गया है। लोग शांति पूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को हटाने में कुछ समय तो लगता है। मैं किसानों पर लाठीचार्ज नहीं करवा सकता। अगर सुरक्षा में चूक हुई है तो हम जांच करवाएंगे। सीएम चन्नी ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा का पूरा इंतजाम था। प्रशासन ने रास्ते खाली कराने की पूरी कोशिश की।
बिना कार्यक्रम मे शामिल हुए लोटे थे पीएम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से वे हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाने वाले थे। बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। जब मौसम में सुधार नहीं हुआ तो निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगेगा। डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा आवश्यक सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यक पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा के लिए रवाना हुए। हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर, जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया है। प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही जानकारी दे दी गयी थी। प्रक्रिया के अनुसार, उन्हें लॉजिस्टिक्स व सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना को तैयार रखते हुए इस सम्बन्ध में आवश्यक व्यवस्था करनी होती है। आकस्मिक योजना को ध्यान में रखते हुए, पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी यात्रा को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी चाहिए थी, जिनकी स्पष्ट रूप से तैनाती नहीं की गयी थी। इस सुरक्षा चूक के बाद, बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस लौटने का निर्णय लिया गया। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार को इस चूक की जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने के लिए भी कहा गया है।
ऑफिस में दो संक्रमित मिले, इस वजह से कार्यक्रम में नहीं गया