किसानो को दुत्कार रहे राशिद खान

कृषि विभाग द्वारा खाद-बीज देने मे आनाकानी करने से किसान परेशान
बांधवभूमि, उमरिया
एक ओर जहां शिवराज सरकार कृषि को लाभ का धंधा बनाने मे जुटी हुई है। इसे लेकर अरबों रूपये का बजट भी आवंटित किया जा रहा है। सरकार का विभागों को साफ तौर पर निर्देश है कि किसानो को गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज किफायती दरों पर तत्काल उपलब्ध कराया जाय। वहीं दूसरी ओर जिले के कृषि विभाग मे बैठे अधिकारी शासन की मंशा पर पलीता लगाने मे कोई कसर नहीं छोड़ रहे। आरोप है कि स्वयं विभाग के उप संचालक राशिद खान किसानो की मदद करने की बजाय निजी दुकानदारों के सेल्समैन बने बैठे हैं। जिनका मकसद किसानो की भलाई से कहीं ज्यादा अपने चहेते व्यापारियों को कमाई करा कर अपनी जेबें भरना है। वैसे भी यदि सरकारी खाद और बीज बिकेगा तो ग्रांहक बाजार कैसे जायेंगे। इसी सोच के चलते विभाग का भटठा बैठा दिया गया है। हालत यह है कि कार्यालय मे किसानो को शासन की योजनाओं की जानकारी देने वाला भी कोई नहीं है।
भ्रष्ट अधिकारियों का संरक्षण
जानकारी के अनुसार जिले के दूर-दराज इलाकों से नगद मे खाद-बीज लेने आये किसानो को दफ्तर से कोई मदद नहीं मिल रही है। इतना ही नहीं प्रभारी उप संचालक राशिद खान से जब इसकी शिकायत की जाती है, तो वे भी किसानो को दुत्कार कर कहते हैं कि विभाग मे खाद-बीज उपलब्ध नहीं है, बाजार से खरीद लो। विभाग के अधिकारियों के क्रियाकलापों के चलते किसान मजबूरी मे बाजार से घटिया खाद-बीज मंहगे दामो पर खरीदने के लिये मजबूर हो रहे हैं। बताया जाता है कि यह पूरा कारोबार भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण मे चल रहा है।
दुकानदारों को लूट की छूट
गौरतलब है कि कृषि विभाग के उप संचालक राशिद खान स्वयं फर्टिलाईजर तथा बीज इंस्पेक्टर भी हैं, जिनकी जिम्मेदारी जिले मे बिक रही सामग्री के सेम्पल लेकर उनके गुणवत्ता की जांच कराने की है। इसके लिये सरकार द्वारा उन्हे प्रति मांह हजारों रूपये वेतन दिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक रबी का सीजन शुरू हुए करीब एक महीने से भी अधिक समय बीत चुका है, परंतु खान साहब ने अब तक ना तो कही सेम्पल लिया और नां ही कोई कार्यवाही ही की है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि उनकी इस शिथिलता के पीछे दुकानदारों के सांथ की गई महीनाबंदी है।
जिले मे पर्याप्त खाद:कलेक्टर
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया है कि रबी सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा मे डीएपी, यूरिया आदि खाद उपलब्ध है। उन्होंने निजी खाद विक्रेताओं को सरकारी कैम्पस वेयर हाउस अथवा समिति मे बैठ कर खाद की रसीद काटने व डिलेवरी गोदाम से करने के निर्देश दिये हैं। इसका मकसद मंहगी खाद बेंचने वालों पर नकेल कसना है। उन्होने किसानों से अपील की है कि खाद से संबंधित शिकायत संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार, डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग, सहायक आयुक्त सहकारिता या फिर सीधे कलेक्टर से करें। जिस पर कार्यवाही की जाएगी।

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