विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से भेंट कर किया अनुरोध, नहीं चली संसद
नई दिल्ली। किसान बिल को लेकर सरकार और विपक्ष में जंग छिड़ चुकीहै। बिल को लेकर पहले सदन में हंगामा हुआ, जिसके बाद आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया। सांसदों को निलंबित करने के बाद विपक्षी पाॢटयों ने संसद की कार्यवाही को बहिष्कार करना शुरू कर दिया। इसके बाद शाम में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि राष्ट्रपति से इस कृषि बिल को वापस कर देने की मांग की है। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष राज्यसभा में हंगामे के लिए जिम्मेदार नहीं है। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि कृषि विधेयक पर हस्ताक्षर न करें। उन्होंने आगे कहा, न तो डिविजन ऑफ वोट हुआ न ध्वनिमत का सम्मान हुआ। लोकतंत्र के मंदिर में संविधान का अपमान किया गया। हमने राष्ट्रपति से कहा है कि कृषि विधेयकों को गलत तरीके से पास करवाया गया है। इससे पहले सभी विपक्षी पार्टियों ने बुधवार को आगे रणनीति के लिए एक साझा बैठक की। विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति से मिलने के लिए वक्त मांगा।
संसद परिसर मे प्रदर्शन
राष्ट्रपति से मिलने से पहले विपक्षी पार्टियां संसद के परिसर में खड़े होकर बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं। सभी सांसदों के हाथ में किसान बचाओ के प्लेकार्ड भी हैं। इस वीडियो में आप प्रदर्शन को देख सकते हैं। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद और टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन समेत विपक्ष के कई नेता मौजूद हैं। बुधवार को ही गुलाम नबी आजाद के दफ्तर में किसान बिल को लेकर और चर्चा होगी। इसके अलावा इस बात पर मंथन किया जाएगा कि सरकार के खिलाफ किस तरीके से आवाज उठाई जाए। मंगलवार को विपक्ष ने एलान किया था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, वो संसद की कार्यवाही की बहिष्कार करेंगे। विपक्ष ने किसान बिल को सिलेक्ट कमिटी के पास भेजने और निलंबित सांसदों को दोबारा संसद में प्रवेश करने की मांग की है। हालांकि विपक्ष की गैर मौजूदगी में मंगलवार को सरकार ने कई बिल पास करा लिए हैं।
लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल
के लिए स्थगित
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी सांसदो का धन्यवाद किया। ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही का ब्योरा सदन के सामने रखा। उन्होंने बताया कि वर्तमान सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए और कई विधेयकों में संशोधन किया गया। साथ ही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।उन्होंने बताया किसदन में शून्यकाल के दौरान सांसदों ने ३७० लोक महत्व के मुद्दे उठाए। ओम बिड़ला ने कहा कि सदन के संचालन में सहयोग के लिए मैंमाननीय प्रधानमंत्री, संसदीय कार्यमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की।
कृषि विधेयकों के खिलाफ 25 सितंबर को किसान करेंगे भारत बंद
किसान विधेयकों के मुद्दे पर विपक्षी दलों के अलावा देश के करीब २५० छोटे बड़े किसान संगठनों ने २५ सितंबर के राष्ट्रव्यापी बंद को सफल बनाने के लिए कमर कस ली है। कई राज्यों के किसानों में इन विधेयकों को लेकर भारी गुस्सा व्याप्त है। उसे देखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारें बड़े पैमाने पर पुलिस बंदोबस्त कर रही हैं। किसान नेताओं के मुताबिक इसी पुलिस बंदोबस्त के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल रूट जाम किए जा सकते हैं। अगर सरकार ने उन्हें रोकने या किसानों पर बल प्रयोग करने जैसा कोई कदम उठाया तो केंद्र और संबंधित राज्य सरकार को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।