कितना खरा…शिव ‘राज’ का बजट
उमरिया। मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा सरकार का आम बजट विधानसभा मे पेश किया जा चुका है। पिछले कुछ महीनो से पेट्रोल-डीजल, घरेलू गैस एवं रोजमर्रा के उपयोग आने वाली वस्तुओं के दामो मे आई बेतहाशा मंहगाई,आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे मध्यम और छोटे कारोबारियों, गृहणियों सहित आम जनता को शिवराज सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें थीं। वहीं बेरोजगार से परेशान युवा भी इससे काफी आशान्वित था। सरकार का दावा है कि यह बजट राज्य के विकास और लोगों के सपनो को पूरा करने वाला है। यह बजट जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरा, यह समझने के लिये बांधवभूमि ने जिले के राजनेताओं, युवा, व्यवसाईयो, गृहणियोंं और खुदरा कारोबारियों से चर्चा की।
सभी वर्गो का ध्यान
सर्वहारा वर्ग का बजट है, प्रदेश सरकार ने हर वर्ग की चिंता की है। इसमे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भारत को आर्थिक आत्मनिर्भर बनाने के सपने की मंशानुरूप कल्याणकारी योजनाओं का समावेश किया गया है। छोटे और लघु व्यापारी, गरीब, मजदूर और किसान सभी लाभान्वित होंगे।
दिलीप पाण्डेय
जिलाध्यक्ष भाजपा
शोषण को बढ़ावा
प्रदेश सरकार का बजट जनता के सांथ हो रहे शोषण को बढ़ावा देने वाला है। केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल और गैस के दाम बढ़ाये जाने से परेशान जनता को उम्मीद थी कि छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तरह मध्यप्रदेश मे भी टेक्स को कम करके कुछ राहत दी जायेगी, परंतु ऐसा कुछ नहीं किया गया।
अजय सिंह
महासचिव प्रदेश कांग्रेस
उद्योग भी नहीं मिला
राज्य सरकार का बजट निराशाजनक है। इसमे व्यापारियों के लिये किसी प्रकार की राहत नहीं है। जिले मे ना तो कोई उद्योग है न सरकारी नौकरी। लोगों की क्रय शक्ति लगातार घटती जा रही है। इसका असर कारोबार पर पड़ा है। व्यापार, धंधे पूरी तरह टूट चुके हैं। इस संबंध मे कोई घोषणा बजट मे नहीं की गई है।
ज्योतिप्रकाश हेमनानी
व्यवसायी, उमरिया
लकड़ी से बना रहे खाना
कमाई कम होने से घर चलाना मुश्किल हो गया है। सरकार जो राहत दे भी रही है, वह सब मंंहगाई की भेंट चढ़ रहा है। मोदी जी ने उज्जवला योजना के तहत सिलेण्डर दिया था, उसे भरवाना हमारे बस मे नहीं है, अब लकड़ी से ही खाना बना रहे हैं।
श्रीमती माया दाहिया, गृहणी
टूटी उम्मीदें
उम्मीद थी कि मोदी और शिवराज सरकार पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम कम करेगी परंतु ये और बढ़ते जा रहे हैं। खुदरा व्यापारियों के लिये मंहगाई एक बड़ी समस्या बन गई है। इसका निदान बजट मे किया जाना था।
महेश रायकवार
स्ट्रीट वेंडर
निराशाजनक बजट
टेक्स मे कटौती के अलावा जिले मे उद्योग, मेडिकल, लॉ कॉलेज जैसे संस्थान स्थापित करने की आवश्यकता है। पहले केन्द्र फिर राज्य सरकार के बजट मे इस तरह का कोई प्रावधान न होने से निराशा हुई है।
टोनी चौरसिया
युवा व्यवसायी