देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट, कहा- मै सेवक हूं और सेवा कर रहा हूं
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वाराणसी दौरे पर पहुंचे। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय में उन्होंने देश के पहले रोप-वे के साथ ही १८०० करोड़ के २८ से ज्यादा प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इसमें सिगरा का अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम भी शामिल है। इस दौरान पीएम ने कहा, बनारस के जाम से डरने वालों के लिए रोप-वे अच्छी चीज है। रोप-वे बनने के बाद बनारस कैंट रेलवे स्टेशन और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बीच की दूरी बस कुछ मिनट की रह जाएगी। कैंट से गोदौलिया के बीच जाम की भी समस्या काफी कम हो जाएगी। लोग बनारस घूमना चाहते हैं, मगर सोचते हैं कि इतना जाम में हम क्या घूमे। रोप-वे बन जाने से उनका बनारस घूमना सहज हो जाएगा। पीएम ने कहा, एक साल के भीतर ७ करोड़ से ज्यादा पर्यटक काशी आए। ये लोग बनारस में ही ठहरे। यहां की गली में पुरी, कचौड़ी, लौंगलता, लस्सी, ठंडई, बनारसी पान का आनंद लिया। पीएम ने कहा कि जब काशी के लोगों ने ९ साल पहले विकास का संकल्प लिया था। कई लोगों को लगता था कि बनारस में कोई बदलाव नहीं हो पाएगा। लेकिन काशी के लोगों ने करके दिखा दिया। देश के लोग विश्वनाथ धाम के विकास से मंत्रमुग्ध हैं। सबसे लंबे रीवर क्रूज की चर्चा हुई। पीएम ने कहा, पूर्वाचंल में पीने के पानी की समस्या बड़ी है। ९ साल में ८ करोड़ घरों में नल से पानी पहुंच रहा है। उज्जवला योजना का भी लोगों को फायदा मिला है। आप लोगों भले ही सरकार बोले। प्रधानमंत्री बोले, लेकिन मैं तो आपको सेवक ही मानता हूं। सेवा ही कर रहा हूं। उन्होंने कहा,हर महीने ५० लाख लोग वाराणसी आ रहे हैं। एयर कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए काम हुआ। बाबतपुर एयरपोर्ट पर एटीसी टावर बनाया जा रहा है। गंगा के दोनों तरफ ५ किमी के दायरे में प्राकृतिक खेती कराने का प्लान है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। आज वाराणसी का लंगड़ा आम समेत छोटे शहर की सब्जियां विदेशों में एक्सपोर्ट होने लगी है। इससे किसानों को मदद मिलती है।
1987 किलोमीटर हाईवे की सड़कें बेचेगी सरकार
नई दिल्ली। नेशनल हाईवे का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। कर्ज की अदायगी को लेकर भी एनएच के ऊपर लगातार दबाव बनता जा रहा है। पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने एनएचआई पर कर्ज लेने पर रोक लगा दी थी। एनएचआई के ऊपर १.६ लाख करोड़ रूपए का कर्ज है। २०१४ से २०२२ के बीच एनएच का कर्ज लगभग १४ गुना बढ़ गया है। जो उसने सड़के बनाने के लिए लिया है। २०२१-२२ में लगभग ५०० किलोमीटर की सड़कें लीज पर दी गई हैं। वर्ष २०२५ तक नेशनल हाईवे १९८७ किलोमीटर की सड़कों को लंबी लीज पर ट्रांसफर करने और एक बड़ी राशि जुटाने पर लगा हुआ है। एनएच की सड़कें टोल ऑपरेटर ट्रांसफर के जरिए लीज पर लंबे समय के लिए दी जा रही हैं। सड़कें ट्रांसफर करने पर जो राशि मिलेगी। उस राशि से एनएचआई अपना कर्ज भी चुकाएगी। एनएचआई के ऊपर जिस तरीके से कर्ज बढ़ा है। अब सिवा सड़कों को बेचने के अलावा कोई विकल्प भी नहीं बचा है।