कृषि कानून का विरोध कर रहे पूर्व सीएम दिग्विजय समेत 106 गिरफ्तार
भोपाल। किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को भोपाल में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अगुआई में कार्यकर्ता भोपाल के जवाहर चौक पर जुटे। उन्हें राजभवन तक मार्च निकालना था। रोशनपुरा के पास ही कांग्रेसियों को रोक लिया गया। पुलिस ने लाठियां भांजी और वॉटर कैनन भी चलाई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनके बेटे जयवर्धन समेत 106 नेताओं-कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कैलाश मिश्रा, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा समेत कार्यकर्ताओं को सेंट्रल जेल लेकर रवाना हो गई। टीटीनगर पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 151 के तहत कार्रवाई की गई है। बाद में जमानत पर छोड़ दिया गया।कमलनाथ ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान भाइयों और कांग्रेसजनों पर शिवराज सरकार के इशारे पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया। आंसू गैस के गोले छोड़े और वॉटर कैनन भी चलाई।’प्रदर्शन में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं समेत प्रदेश के कई हिस्सों से आए कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। कमलनाथ ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को मजबूर बनाना चाहती है और नए कृषि बिलों के जरिए उन्हें बिजनेसमैनों के हवाले करना चाहती है।
भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश
उधर राजभवन घेराव पर निकले कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। साथ ही आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की गई। शनिवार को कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस और युवा कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। भोपाल में जवाहर चौक से कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता कृषि कानून को वापस लेने के लिए राजभवन का घेराव करने निकले थे। जिन पर पुलिस ने पहले वाटर कैनन से पानी की बौझार कर तितर-बितर करने की कोशिश की, लेकिन बैरीगेट तोड़कर आगे बढ़े कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने पहले जमकर लाठियां भांजी और फिर आंसू गैस के गोलों की बौछार कर दी। पुलिस की लाठी चार्ज के दौरान कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को चोटे भी आई। वहीं कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली से लेकर भोपाल तक किसानों के मुद्दे पर सियासत गर्म है। यही कारण है कि किसानों के मुद्दे पर सवार कांग्रेस पार्टी लगातार बीजेपी पर हमलावर है। अपने आंदोलन के अगले चरण में वहां भोपाल में राजभवन का घेराव कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देगी।
ट्रैक्टर परेड को पुलिस की मंजूरी
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की बात सरकार भले नहीं मान रही, लेकिन पुलिस को माननी पड़ी। किसान २६ जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने पर अड़े थे। दिल्ली पुलिस उन्हें ५ दिन से इस बात के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी कि दिल्ली के बाहर परेड निकाल लें। लेकिन, पुलिस को झुकना पड़ा। शनिवार को दोनों पक्षों के बीच बातचीत में पुलिस ने किसानों को दिल्ली में परेड निकालने की इजाजत दे दी। किसान आंदोलन जुड़े से स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, किसान २६ जनवरी को परेड निकालेंगे। बैरिकेड हटा दिए जाएंगे और हम दिल्ली में एंट्री करेंगे। पुलिस से बातचीत में ट्रैक्टर मार्च के रूट पर सहमति बन गई है। फाइनल डिटेल आज रात तक तैयार कर ली जाएगी। उधर, किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा, गाजीपुर, सिंघु और टीकरी बॉर्डर से ट्रैक्टर परेड शुरू होगी।
सीबीआई से कराई जाये नाबालिग किशोरी की मौत की जॉच:कमलनाथ
राजधानी के बहुचर्चित प्यारे मियां यौन शोषण मामले में किशोरी की मौत के मामले मे प्रदेशक के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसकी जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा शिवराज सरकार क्राइम में नंबर वन है, जब से शिवराज सरकार आई है, तब से अपराध बढ़े हैं। गौरतलबह है कि मृतक किशोरी के परिजनो से मिलने शनिवार को पूर्व सीएम उनके घर पहुंचे थे। वहीं नाबालिग बच्ची की मौत के बाद अब उन पीडीत किशोरियो के परिवार वाले काफी डरे हुए हैं, जो अभी भी शेल्टर होम में रह रही हैं, ओर अब परिवार वाले प्रशासन से अपनी बच्चियों को शेल्टर होम से निकाल कर उनके सुपुर्द करने की गुहार लगा रहा हैं। गौरतलब है कि सङ्क्षदग्ध पदार्थ खाने की वजह से इन किशोरियो मे से एक नाबालिग बच्ची की हाल ही में मौत हो गई और उसके अंतिम संस्कार में यूपी के हाथरस जैसी अमानवीयता दिखाई दी। वहीं मामले को लेकर कलेक्टर अविनाश लवानिया ने न्यायायिक जांच के आदेश दे दिए थे, वही बालिका गृह संरक्षण की अधीक्षिका एंटोनिया कुजूर इक्का को हटा दिया गया और नई अधीक्षिका योगिता मुकाती को नियुक्त किया गया है।