कांग्रेस में CWC की जगह अब स्टीयरिंग कमेटी

खडग़े ने 47 सदस्यीय टीम बनाई, यही करेगी पार्टी के बड़े फैसले, थरूर को जगह नही

नई दिल्ली। मल्लिकार्जुन खड़गे आधिकारिक तौर पर बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष बन गए। AICC मुख्यालय दिल्ली में सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा की उपस्थिति में चुनाव अधिकारी मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र सौंपा। इसके बाद खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग की। अपने पहले फैसले में खड़गे ने CWC के बदले 47 सदस्यों की स्टीयरिंग कमेटी का ऐलान किया।इसमें सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी समेत 47 लोगों को शामिल किया गया है। हालांकि टीम में खड़गे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले शशि थरूर को जगह नहीं मिली है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को भी कमेटी में शामिल किया गया है।बता दें कि CWC कांग्रेस पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी संस्था है। खड़गे के ऐलान के बाद अब नई स्टीयरिंग कमेटी ही पार्टी संगठन से जुड़े बड़े फैसलों पर मुहर लगाएगी।
 50 साल से कम उम्र के लोगों को पद देने का ऐलान
अध्यक्ष बनने के बाद अपने पहले भाषण में खड़गे ने पार्टी में 50 फीसदी पद 50 साल से कम उम्र के लोगों को देने का ऐलान किया। खड़गे ने कहा- उदयपुर अधिवेशन में इसको लेकर प्रस्ताव पास किया गया था। अब उस पर अमल किया जाएगा।खड़गे ने पार्टी में आधे पदों पर युवाओं को लाने की बात कही है, लेकिन मौजूदा हालात को देखें, तो कांग्रेस अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष और महासचिवों में से केवल प्रियंका गांधी की उम्र ही 50 साल है। बाकी सारे नेता इससे ज्यादा उम्र के हैं।
कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा नहीं होगा
भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे पर तंज कसते हुए खड़गे ने कहा- अपने मुताबिक नया भारत बनाने के नाम पर वे कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का नारा देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि जब तक कांग्रेस मौजूद है, तब तक वे ऐसा नहीं कर सकते। हम ऐसा नहीं होने देंगे और इसके लिए लगातार लड़ाई जारी रखेंगे।
पद छोड़कर राहत मिली:सोनिया
इस मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष रहीं सोनिया गांधी ने कहा कि खड़गे को अध्यक्ष पद की कमान सौंपकर वे राहत महसूस कर रही हैं। उनके सिर से बड़ा बोझ उतर गया है। उन्होंने कहा- मैं नए पार्टी अध्यक्ष खड़गे जी को बधाई देती हूं। वे एक अनुभवी और जमीनी नेता हैं। वे अपनी मेहनत और समर्पण से इस ऊंचाई तक पहुंचे हैं। सोनिया ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धन्यवाद भी दिया।
मां के लिए प्रियंका का इमोशनल पोस्ट
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मां और पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर पोस्ट की। जिसमें कि वो पूर्व प्रधानमंत्री और दिवंगत राजीव गांधी की फोटो हाथ में लिए हुए दिख रही हैं। इस पर उन्होंने लिखा- मां आप पर गर्व हैं। दुनिया चाहे कुछ भी कहे या सोचे, मुझे पता है कि आपने यह सब प्यार के लिए किया।
गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों को नमन किया
कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने के लिए AICC मुख्यालय पहुंचने से पहले खड़गे ने राजघाट में गांधीजी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की समाधि पर गए। इस तरह खड़गे ने पद संभालने से पहले गांधीजी के साथ कांग्रेस की तीन पीढ़ियों को नमन किया। AICC पहुंचने पर सोनिया और राहुल ने मंच पर खड़गे को गुलदस्ता सौंपकर उनका स्वागत किया।खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री और दलित नेता बाबू जगजीवन राम की समाधि पर भी फूल चढ़ाए। खड़गे ने मंगलवार शाम को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। AICC हेडक्वार्टर में शपथ के लिए सुबह 10 बजे का समय तय किया गया था। इसमें थोड़ी देर हुई है।
सोनिया के बाद सबसे बड़े अंतर से जीते खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के नतीजों में मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को 6825 वोट से हराया है। खड़गे को 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को 1072 वोट ही मिल सके। इस चुनाव में जीत के साथ ही खड़गे कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले 65वें नेता हो गए हैं। वे बाबू जगजीवन राम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले दूसरे दलित नेता हैं। इसके अलावा वे कर्नाटक से इस पद को संभालने वाले दूसरे नेता भी हैं।
पार्टी संभालने और चुनाव जीतने की चुनौती
खड़गे की जीत जितनी बड़ी है, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी उनके सामने हैं। वे जिस समय पार्टी आलाकमान की जिम्मेदारी लेने आगे आए हैं, तब केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार बची है। वहीं, झारखंड और तमिलनाडु में पार्टी गठबंधन सरकार में शामिल है, लेकिन मुख्यमंत्री दूसरे दलों के हैं।खड़गे जब अध्यक्ष बने हैं तो इसी साल हिमाचल प्रदेश और गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं। वहीं, अगले साल यानी 2023 में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत 10 राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में खड़गे के सामने पार्टी को एकजुट करने और चुनाव मैदान में बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती होगी।
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