केंद्रीय गृहमंत्री, मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष ने दी जनजातीय योद्धाओं को श्रद्धांजलि
जबलपुर। कांग्रेस ने हमेशा जनजातीय कल्याण की बात की, उनके वोट लेने का प्रयास किया, लेकिन उनका भला कभी नहीं किया। अनेक तरीकों से जनजातीय वोटों के बंटवारे का प्रयास किया। यहां तक कि आजादी की लड़ाई में जनजातीय योद्धाओं के योगदान को भी भुला दिया। भारतीय जनता पार्टी को जब-जब जनादेश मिला है, पार्टी ने जनजातीय समाज के कल्याण लिए हमेशा प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारें वंचितों, जनजातियों के कल्याण के लिए समर्पित हैं। जो लोग अलग-अलग नाम, काम और बात से जनजातीय समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें सफल मत होने दीजिए। यह बात केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राजा शंकरशाह, कुंवर रघुनाथशाह के बलिदान दिवस पर आयोजित जनजातीय योद्धाओं के पुण्य स्मरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर श्री शाह एवं मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जनजातीय नायकों पर केंद्रित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया एवं शहीद शंकरशाह, रघुनाथशाह के स्मारक का भूमिपूजन भी किया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते तथा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद राकेशसिंह ने भी संबोधित किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे, राज्य मंत्रिमंडल के अनेक सदस्य, जनप्रतिनिधि एवं पार्टी पदाधिकारी मंच पर उपस्थित रहे।
युवा पीढ़ी को भारतीय गौरव से जोड़ने का काम करेगा आजादी का अमृत महोत्सव: शाह
योद्धाओं के पुण्य स्मरण समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि शहीद शंकरशाह और रघुनाथ शाह जैसे बलिदानियों ने इस कामना के साथ अपना जीवन न्यौछावर कर दिया कि अगला जन्म भी इसी भूमि पर मिले और मॉ भारती के लिए फिर से बलिदान होने का मौका मिले। देश के गांवों और अंचलों में ऐसे अनेक शहीद क्रांतिकारी हैं, जिनको इतिहास में स्थान नहीं मिला, उचित सम्मान नहीं मिला। लेकिन इतिहासकारों ने आजादी के आंदोलन में अनुसूचित जनजाति के वीर शहीदों को भुलाने का काम किया। 1857 से 1947 तक जितने बलिदान जनजातीय वीरों ने दिये उतने शायद ही किसी ने दिये होंगे, लेकिन उसको भुला दिया गया। हमारे प्रिय नेता और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संकल्प लिया कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनायेंगे और ऐसे गुमनाम शहीदों को और उनकी स्मृति को पुनर्जीवित करने का काम करेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव शहीदों की स्मृति को पुनर्जीवित कर नई पीढ़ी में रोपित करने का काम करेगा। यह महोत्सव नई पीढ़ी में देशभक्ति का ज्वार जगाने का, भारतीय गौरव से जोड़ने का प्रयास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने निर्णय लिया कि देश भर में जनजातीय संग्रहालय बनायें जायेंगे, जिनमें जनजातीय नेताओं के स्मरण की व्यवस्था की जायेगी। लगभग 200 करोड़ की लागत से ऐसे 9 संग्रहालयों की कल्पना की गई है और 110 करोड़ रूपए खर्च भी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अमर शहीद शंकरशाह, रघुनाथशाह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इन पिता-पुत्र की तरह ही अनेक ऐसे जनजातीय योद्धा हुए हैं, जिन्होंने अपने धर्म, मातृभूमि और भारतमाता की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। लेकिन कांग्रेस ने आजादी के इतिहास में कुछ ही लोगों के नाम को बढ़ाया। कांग्रेस की सरकारों ने इन जनजातीय योद्धाओं को भुला दिया। आज हम इन्हीं योद्धाओं की पूजा करने आए हैं। उन्होंने कहा कि अब हर साल यहां ऐसा ही कार्यक्रम होगा और हम हर साल इन अमर शहीदों का बलिदान दिवस मनाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ जनजातियों की बात करती है, देश में अलग जनजातीय मंत्रालय बनाने का काम पहली बार स्व. अटलजी की सरकार ने किया। जनजातीय आयोग की स्थापना की। प्रधानमंत्री मोदी जी की सरकार ने पहली बार आदिवासियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक विकास के लिए अनेकों योजनाएं शुरू की है। श्री चौहान ने कहा कि जनजातियों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाली कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि प्रदेश में 15 महीने कांग्रेस की सरकार रही, तब उन्होंने आदिवासियों के लिए कौन सा काम किया है? कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रदेश सरकार के मंत्री गोपाल भार्गव, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह, अरविंद भदौरिया, सुश्री मीना सिंह, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर, प्रदेश मंत्री श्रीमती नंदिनी मरावी, सांसद श्रीमती हिमाद्रि सिंह, श्रीमती संपतिया उइके आदि उपस्थित थे।