कांग्रेस के कारण पिछड़ा वर्ग आरक्षण से वंचित
भाजपा का आरोप, याचिकायें लगवा कर रुकवाये गये चुनाव
बांधवभूमि, उमरिया
भाजपा के जिलाध्यक्ष दिलीप पांडे ने कहा है कि नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण कराने के संबध मे आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य सरकार संशोधन आवेदन दायर करेगी, जिससे ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव संपन्न हो सकें। उन्होने आरोप लगाया है कि बिना ओबीसी आरक्षण के नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव कराए जाने की वर्तमान परिस्थिति कांग्रेस के कारण निर्मित हुई है। मध्यप्रेदश मे तो 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव प्रक्रिया चल ही रही थी एवं सरकार ने इसी के हिसाब से वार्ड परिसीमन, आरक्षण, मतदाता सूची तैयार करने आदि समस्त तैयारी कर ली थी। यहां तक कि ओबीसी एवं अन्य उम्मीदवारों ने नामांकन भी दाखिल कर दिया, किंतु कांग्रेस ने इसके विरुद्ध हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गई, जिससे चुनाव मे व्यवधान उत्पन्न हुआ।
न्यायालय के आदेश का होगा पालन
श्री पाण्डेय का मानना है कि पंचायत चुनाव को अरसा बीत गया है। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इसे विवाद मे घसीटने की आवश्यकता नहीं है। भारतीय जनता पार्टी एवं उसकी सरकार न्यायालय के आदेश का पालन करेगी। संवैधानिक प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। सरकार चाहती है कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मे दिया जाए, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद यह संभव होता दिखाई नहीं दे रहा है। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बयान दे चुके है।
भाजपा ने दिये सर्वाधिक जनप्रतिनिधि
उन्होंने कहा कि भाजपा मे सबसे ज्यादा हरिजन, आदिवासी और ओबीसी वर्ग के जनप्रतिनिधि है। पार्टी ने 3 अन्य पिछड़ा वर्ग के मुख्यमंत्री प्रदेश को दिये हैं। वहीं मंत्रिमंडल मे भी ओबीसी मंत्रियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है। भाजपा शीघ्र चुनाव कराना चाहती है, इसके लिए पहले भी कई बार प्रयास किये गये हैं। सांथ ही पार्टी यह भी चाहती है कि चुनाव पिछडे वर्ग के आरक्षण के साथ हों।
कांग्रेस के कारण पिछड़ा वर्ग आरक्षण से वंचित
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