नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब दिया। प्रधानमंत्री की स्पीच शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी, जो उनके 90 मिनट के भाषण के दौरान लगातार जारी रही। इस पर PM बोले- देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। नारे बोलने के लिए भी लोग बदलने पड़ रहे हैं। मैं अकेला घंटेभर से बोल रहा हूं, रुका नहीं। उनके अंदर हौसला नहीं है, वो बचने का रास्ता ढूंढ रहे हैं। सरकारी योजनाओं का नाम बदलने को लेकर PM ने कहा- किसी कार्यक्रम में अगर नेहरूजी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते थे। लहू गर्म हो जाता था। मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। क्या शर्मिंदगी है नेहरू सरनेम रखने में। इतना बड़ा महान व्यक्ति आपको और आपके परिवार को मंजूर नहीं है और आप हमारा हिसाब मांगते हो।
प्रधानमंत्री ने कहा- कुछ लोगों को समझना होगा कि सदियों पुराना देश आम आदमी के पसीने, पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं का देश है। किसी परिवार की जागीर नहीं है। हमने खेल रत्न ध्यानचंद के नाम पर कर दिया। अंडमान के द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस, परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर कर दिया। हिमालय की चोटी एवरेस्ट कर दी गई।
उन्होंने कहा- सदन में जो बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है। ऐसे सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उनके पास था, मेरे पास गुलाल। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा- कुछ लोगों को समझना होगा कि सदियों पुराना देश आम आदमी के पसीने, पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं का देश है। किसी परिवार की जागीर नहीं है। हमने खेल रत्न ध्यानचंद के नाम पर कर दिया। अंडमान के द्वीपों का नाम सुभाष चंद्र बोस, परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर कर दिया। हिमालय की चोटी एवरेस्ट कर दी गई।
उन्होंने कहा- सदन में जो बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है। ऐसे सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उनके पास था, मेरे पास गुलाल। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।
सदन मे कांग्रेस ने जम कर किया हंगामा
दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों द्वारा गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण के कुछ हिस्सों को निकाले जाने के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता खड़गे ने इस मामले को राज्यसभा के सभापति के समक्ष उठाया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ भी असंसदीय नहीं कहा है और उनका भाषण बहाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के लिए इसी तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया था। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने कहा कि ये शब्द विधानसभा की विभिन्न कार्यवाही का हिस्सा थे। खड़गे ने बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री के सबसे करीबी दोस्तों में से एक की संपत्ति ढाई साल में 12 गुना बढ़ गई। 2014 में यह 50 हजार करोड़ रुपये थी, जबकि 2019 में यह 1 लाख करोड़ रुपये का ग्रुप बन गया, ऐसा क्या जादू हुआ कि अचानक दो साल में 12 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति आ गई, कहीं यह दोस्त की मेहरबानी तो नहीं है। 7 फरवरी को लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा था कि पहले वे अदानी के विमान में सफर करते थे और अब अदानी मोदीजी के साथ उनके विमान में सफर करते हैं।राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और बीआरएस के केशव राव द्वारा लाए गए नियम-267 के तहत निलंबन नोटिस को खारिज कर दिया, इसके बाद आप ने वाकआउट किया। संजय सिंह ने कहा कि सभी नोटिस खारिज कर दिए गए और आरोप लगाया कि सरकार अदानी विवाद पर चर्चा को रोक रही है। सिंह ने बुधवार को भी नियम-267 के तहत कामकाज ठप करने की मांग की थी, लेकिन आप के वाकआउट के बाद अध्यक्ष ने नोटिस खारिज कर दिया था। नोटिस में कहा गया है कि हिंडेन बर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अदानी समूह मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एलआईसी को घाटा हुआ है।
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