स्वास्थ्य विभाग ने वर्षा काल में संक्रामक रोगों से बचने एडवाइजरी की जारी
बांधवभूमि, उमरिया। बारिश के मौसम में नया पानी स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है इसका अनुमान सबको नहीं होता है, यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। नदी और कुएं का पानी इस्तेमाल करने वालों को खासतौर से बारिश के नए पानी से बचने की आवश्यकता होती है। इस बारे में जानकारी देते हुए सीएमएचओ डॉक्टर आरके मेहरा का कहना है कि बारिश के दौरान जमीन के ऊपर बहने वाला पानी अपने साथ तरह-तरह की गंदगी को समेट कर लाता है और कुओं और नदियों में इस गंदगी को खोल देता है। इसकी वजह से पानी प्रदूषित हो जाता है और पानी पीने से लोग बीमार होने लगते हैं। बारिश के दौरान पानी का उपयोग पूरी सावधानी के साथ किया जाना चाहिए। पानी साफ हो इसके लिए उसे उबाल लेना बेहतर होगा।
रोगों से बचाव
बारिश के दौरान किस तरह की सावधानियां आम लोगों को बरतनी चाहिए इस पर खासतौर से फोकस किया गया है। बारिश के दौरान संक्रामक रोगों की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए आवश्यक दवाइयों डॉक्टरों की सलाह पर लेनी चाहिए। बीमार लोगों से दूरी बनाए रखना चाहिए। मास्क का उपयोग किया जाना चाहिए यह सलाह स्वास्थ्य विभाग ने आम लोगों को दी है।
स्वास्थ्य अमला रहे तैयार
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग जिले में बारिश के दौरान होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए किस तरह की तैयारी कर सकता है इसके लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों का पर्याप्त स्टॉक रखने के लिए कहा गया है। संभावित संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए चिकित्सकों की टीम और स्वास्थ्य कॢमयों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। तेज बारिश के दौरान दुर्घटना के दौरान व्यवस्था संभालने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
प्रशासन ने किया अलर्ट
कलेक्टर डा कृष्ण देव त्रिपाठी ने वर्षा काल में होने वाली संक्रामक बीमारियों राष्ट्रीय वैक्टर जनित कार्यक्रम के तहत अंर्तरविभागीय समिति की बैठक ले कर स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा है कि वर्षा काल में मलेरिया, डेंगू , उल्टी दस्त आदि संक्रामक बीमारियां अपना प्रभाव जमाती है। स्वास्थ्य विभाग पूर्व के वर्षो के आकड़ों का विष्लेषण कर ऐसे क्षेत्रों का चिन्हांकन करें जहां संक्रामक बीमारियों का प्रकोप हुआ हो। साथ ही मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों का भी चिन्हांकन करें । इन क्षेत्रों में सूचना तंत्र मजबूत करें। यहां कार्य करने वाले मैदानी अमले को प्रशिक्षित करे, तथा आवश्यक दवाईयों का भण्डारण करें। मलेरिया टेस्ट के परीक्षण के लिए प्रशिक्षित करें।
कहीं सेहत न बिगाड़ दे नया पानी
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